लघु कृषक कृषि व्यापार संघ (एसएफ़एसी) और ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ओएनडीसी) के सहयोग से नाबार्ड, गुजरात क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा 23 फरवरी 2024 को अहमदाबाद हाट, वस्त्रापुर में 23 फरवरी से 27 फरवरी, 2024 के दौरान आयोजित होने वाले एफपीओ मेला सह प्रदर्शनी - तरंग 2024 – Celebrating Collectivisation, के प्रथम संस्करण का उद्घाटन किया गया।
श्री जेठाभाई अहिर, माननीय उपाध्यक्ष, गुजरात विधानसभा इस उद्घाटन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे। उद्घाटन कार्यक्रम में श्री बी. के. सिंघल, मुख्य महाप्रबंधक (सीजीएम), नाबार्ड, गुजरात क्षेत्रीय कार्यालय ; श्री एस. के. गुप्ता, सीजीएम और बैंकिंग लोकपाल, आरबीआई-अहमदाबाद ; नाबार्ड के वरिष्ठ अधिकारी और भारत के विभिन्न हिस्सों से आए कृषक उत्पादक संगठन (एफपीओ) विक्रेता और खरीदार उपस्थित थे।
श्री जेठाभाई अहिर, माननीय उपाध्यक्ष, गुजरात विधानसभा ने अपने मुख्य सम्बोधन में नाबार्ड, एसएफ़एसी और ओएनडीसी के इस संयुक्त प्रयास की सराहना की, जिसमें कश्मीर से केरल तक के किसानों को अपने उत्पाद प्रदर्शित करने और मार्केट लिंकेज स्थापित करने हेतु एक विशिष्ट मंच उपलब्ध कराया गया है। श्री जेठाभाई अहिर ने इस मेले में प्रदर्शित उत्पादों की विस्तृत शृंखला और गुणवत्ता पर प्रसन्नता व्यक्त की और उन्होनें आयोजनकर्ता संगठनों और ख़रीदारों को सुझाव दिया कि शिल्पकारों और किसानों के उत्पादों की पहुँच का दायरा बढ़ाने के लिए तरंग 2024 मेले की जानकारी अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाएँ।
श्री एस के गुप्ता, सीजीएम और बैंकिंग लोकपाल, आरबीआई - अहमदाबाद ने तरंग 2024 में प्रदर्शित उत्पादों की सराहना की और इस मंच के माध्यम से ग्रामीण भारत की समृद्धि और विविधता को एक साथ लाने के लिए नाबार्ड, एसएफ़एसी और ओएनडीसी के योगदान की प्रशंसा की। उन्होनें कहा कि तरंग 2024 वास्तव में सामूहिकता का उत्सव है, जो कि उसकी टैगलाइन में प्रतिबिम्बित होता है। श्री एस के गुप्ता ने अपने सम्बोधन में इस बात पर भी बल दिया कि डिजिटल मार्केटिंग और ई-कॉमर्स के इस युग में इस मेले में सहभागिता करने वाले किसानों और शिल्पकारों को बैंकिंग और वित्तीय साक्षारता के बारे में भी जागरूक किया जाना चाहिए।
गरिमामयी उपस्थिती से इस कार्यक्रम में सहभागिता करने वाले वाले एफपीओ का उत्साहवर्धन हुआ है। उन्होंने बताया कि एफपीओ के नेतृत्व में आयोजित तरंग मेला एक ऐसा प्रदर्शनी सह बिक्री कार्यक्रम है, जिसमें गुजरात सहित पूरे भारत के 19 राज्यों की भागीदारी शामिल है। तरंग में 90 स्टॉल में से 37 स्टॉल कारीगर या ऑफ-फार्म सेक्टर के उत्पादों से संबंधित हैं, 40 स्टॉल नाबार्ड से संबंधित हैं और 5 स्टॉल मिलेट्स या श्री-अन्न आधारित उत्पादों से संबंधित हैं। श्री बी के सिंघल ने तरंग 2024 के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि यह नाबार्ड, एसएफ़एसी और ओएनडीसी का संगम है। उन्होंने कहा कि एफ़पीओ के
गठन और संवर्धन के लिए नाबार्ड और एसएफ़एसी दो शीर्ष राष्ट्रीय संगठन हैं और इन दोनों के बीच हुए संगम तथा ओएनडीसी के डिजिटल प्लैटफ़ार्म से एफ़पीओ को मार्केट लिंकेज हेतु स्थायित्व और मजबूती मिलेगी। अंत में, श्री बी के सिंघल ने माननीय प्रधानमंत्री के “वोकल फॉर लोकल” के विज़न के उदाहरण के रूप में तरंग 2024 की सराहना की।