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संस्थागत विकास
देश में ग्रामीण वित्तीय प्रणाली के लिए एक ऐसी सुदृढ और दक्ष ऋण वितरण पद्धति आवश्यक है जो कृषि और ग्रामीण विकास के विस्तार एवं विविध ऋण आवश्यकताओं को पूरा कर सके ग्रामीण ऋण का 50 प्रतिशत से अधिक हिस्सा सहकारी बैंक और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक वितरित करते हैं. सहकारी बैंकों और ग्रामीण बैंकों के कार्यों के विनयमन और पर्यवेक्षण की जिम्मेदारी नाबार्ड की है. इस संबंध में, नाबार्ड ने भारत सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक के सहयोग से सहकारी बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की स्थिति में सुधार लाने के कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं.
यह किसके लिए है ?
संस्थागत विकास पहलों के रूप में नाबार्ड की सहायता निम्नलिखित संस्थाओं के लिए उपलब्ध है-
ग्रामीण ऋण सहकारी संस्थाएं.
राज्य सहकारी बैंक(एससीबी).
मध्यवर्ती सहकारी बैंक(सीसीबी).
प्राथमिक कृषि ऋण समितियां(पीएसीएस).
राज्य सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंक ( एससीएआरडीबी ).
प्राथमिक सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंक(पीसीएआरडीबी) .
नाबार्ड की संस्थागत विकास पहलों का सारांश
अल्पावधि ग्रामीण सहकारी ऋण ढांचे की स्थिति सुधारने के लिए पुनरूद्धार पैकेज के कार्यान्वयन में सहायता (एसटीसीसीएस).
राज्य सहकारी बैंकों को अल्पावधि मौसमी कृषि परिचालनों और अन्य परिचालनों के लिए ऋण सीमाओं की स्वीकृति.
मस बैंकों को अल्पावधि बहुउद्देश्यीय ऋण के लिए प्रत्यक्ष पुनर्वित्त सहायता.
वाणिज्य बैंकों को मौसमी कृषि परिचालनों हेतु पैक्स के वित्तपोषण के लिए सहायता.
किसानों को परिक्राम्य वेयरहाउस रसीदों पर ऋण देने हेतु पुनर्वित्त.
उत्पादक संगठन विकास निधि (पीओडीएफ़) से पैक्स को बहुउद्देश्यीय सेवा केन्द्रों के रूप में विकसित करने के लिए सहायता.
विपणन संघों को पुनर्वित्त एवं ऋण सहायता.
पूर्वोत्तर एवं अन्य क्षेत्रों के लिए रियायती ब्याज पर विशेष पैकेज़.
सहकारी बैंकों द्वारा अपनी निधियों से दिए अल्पावधि फसल ऋणों के लिए ब्याज सहयता.
प्राथमिक रूप से पैक्स की क्षमता निर्माण एवं बुनियादी सुविधा विकास के लिए सहकारी विकास निधि (सीडीएफ़) का सृजन.
सहकारी बैंकों को उपलब्ध अल्पावधि ऋण सुविधाओं के लिए नाबार्ड के संसाधन संवर्धन हेतु अल्पावधि सहकारी ग्रामीण ऋण (पुनर्वित्त ) निधि (एसटीसीआरसी ) की स्थापना.
सहकारी बैंकों को कोर बैंकिंग से जोडकर उन्हे अन्य बैंकों के समतुल्य बनाना.
सहकारी बैंकों में पैक्स विकास कक्ष (पीडीसी) की स्थापना हेतु सहायता.
नाबार्ड द्वारा जीआईजेड के सहयोग से सहकारी प्रशिक्षण संस्थानों को अल्पावधि सहकारी ऋण ढांचे में गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए प्रोफेशनल एक्सलेंस इन कॉपरेटिव्स (सी पेक ) की स्थापना हेतु सहायता.
अतिरिक्त जानकारी
ग्रामीण सहकारी संस्थाओं के सुदृढीकरण से संबंधित नीति
सहकारी संस्थाओं के सुदृढीकरण हेतु पहलें-सी पेक/ सीबीएस
सीडीएफ के अंतर्गत वित्तीय सहायता देने लिए
संगठनात्मक विकास पहल
विकास कार्य योजना
अल्पावधि सहकारी ऋण ढांचे के लिए भारत सरकार का पुनरुद्धार पैकेज और पैक्स के लिए सीएएस एवं एमआईएस
दीर्घावधि सहकारी ऋण ढांचे के लिए भारत सरकार का पुनरुद्धार पैकेज
प्रगति का अनुप्रवर्तन और एमआईएस
ग्रामीण ऋण सहकारी ढांचे की स्थिति और प्रगति
राज्य सहकारी बैंक
जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक
प्राथमिक कृषि ऋण समितियां
राज्य सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंक
प्राथमिक सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंक
भारत में राज्य सहकारी बैंकों से संबंधित सांख्यकीय विवरण
क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक
क्षेग्राबैंकों के निष्पादन के मुख्य संकेतक
नीति के व्यापार और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के कर्मचारियों से संबंधित मामलों से संबंधित अध्यक्ष की नियुक्ति और लेखा परीक्षकों से संबंधित मामलों
सीबीएस और टेक्नो-आधारित उत्पादों और सेवाओं
प्रगति और एमआईएस की निगरानी
प्रकाशन और अध्ययन
विभिन्न समितियों के लिए समर्थन
लोड हो रहा है। कृपया प्रतीक्षा करें...
प्रसंस्करण अनुरोध। कृपया प्रतीक्षा करें...