सूक्ष्म सिंचाई निधि

नाबार्ड में ₹5000 करोड़ की आरंभिक समूह निधि के साथ एमआईएफ का परिचालन 2019-20 में शुरू किया गया ताकि सूक्ष्म सिंचाई के अंतर्गत कवरेज़ के विस्तार के लिए राज्य सरकारों के प्रयासों में सहयोग दिया जाए और उन्हें ‘प्रधान मंत्री कृषि सिंचाई योजना – प्रति बूँद अधिक फसल’ के प्रावधानों के बाहर सूक्ष्म सिंचाई को अपनाने के लिए प्रोत्साहन दिया जाए. कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार इस निधि के अंतर्गत नोडल मंत्रालय है.
 
आरंभिक समूह निधि के लिए एमआईएफ निधीयन व्यवस्था, वर्तमान नियमों और शर्तों के साथ 31 जुलाई 2024 तक चालू थी

इस निधीयन व्यवस्था के अंतर्गत सहभागी राज्य सरकारों को भारत सरकार से 3% की ब्याज उपादान सहायता के साथ ऋण दिए जाते हैं.

MoA &FW, भारत सरकार द्वारा बताया गया है कि, MIF की निरंतरता और ₹5000 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी को 15वें वित्त आयोग की अवधि के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 03.10.2024 की बैठक में मंजूरी प्रदान की है. इसके अलावा, भारत सरकार द्वारा ब्याज छूट पहले के 3% के बजाय अब 2% होगी.

30 नवम्बर 2024 की स्थिति के अनुसार, 08 राज्‍यों (आंध्र प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, पंजाब, राजस्‍थान, तमिल नाडु और उत्तराखंड) को एमआईएफ के अंतर्गत 14 परियोजनाएं मंजूर की गईं. संचयी रूप से मंजूरी ₹4719.10 करोड़ रही, जिसके समक्ष 31 अक्टूबर 2024 की स्थिति के अनुसार ₹3639.49 करोड़ की राशि जारी की गई.

30 नवम्बर 2024 की स्थिति के अनुसार संचयी रूप से मंजूर और जारी ऋण का राज्य-वार विवरण:

क्र.सं. राज्य का नाम मंजूर ऋण जारी ऋण
1 आंध्र प्रदेश 616.13 616.13
2 गुजरात 764.13 641.29
3 तमिल नाडु 1357.93 1357.93
4 हरियाणा 785.30 365.89
5 पंजाब 149.65 32.13
6 उत्तराखंड 14.84 0.58
7 राजस्‍थान 740.79 465.67
8 कर्नाटक 290.33 159.87
जोड़ 4719.10 3639.49

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