1. प्रारंभ
बदलते आर्थिक विकास और परिवेश में बैंक के लिए व्यवसाय की नई संभावनाओं को तलाशने के उद्देश्य से नाबार्ड ने वर्ष 2010 में रिपोजीशनिंग का कार्य शुरू किया. रिपोजीशनिंग करने के दौरान पहचाने गए नए व्यवसाय अवसरों के ऋण उत्पादों की ओर ऋण प्रवाह को निर्देशित करने के लिए एक नए विभाग का गठन किया गया, जिसका नाम व्यवसाय पहल विभाग है.
2. व्यवसाय पहल विभाग निम्नलिखित तीन ऋण उत्पादों पर कार्य करता है -
अ. नाबार्ड आधारभूत संरचना विकास सहायता (नीडा)
मुख्य कार्य:
निम्नलिखित तीन चैनलों में ग्रामीण आधारभूत परियोजनाओं को निधिपोषण के लिए ‘नीडा’ एक ऋण व्यवस्था है :
- ग्रामीण आधारभूत सुविधा विकास परियोजनाओं के लिए राज्य सरकार और राज्य सरकार के स्वामित्व वाली संस्थाओं को सीधे निधिपोषण.
- ग्रामीण क्षेत्रों में राज्य सरकार की संस्थाओं, सहकारी संस्थाओं, उत्पादक संगठनों, निगमों आदि द्वारा स्थापित विशेष प्रयोजन उपक्रमों(एसपीवी) के माध्यम से प्रत्यक्ष रूप से या विकसित निजी-सार्वजनिक भागीदारी वाली आधारभूत संरचना परियोजनाओं का वित्तपोषण
- कंपनी और सहकारी संस्थाओं जैसी पंजीकृत संस्थाओं द्वारा संवर्धित नान-पीपीपी ग्रामीण आधारभूत सुविधा परियोजनाओं का निधिपोषण.
उपलब्धियां:
नाबार्ड आधारभूत सुविधा विकास सहायता (नीडा) के अधीन 31 मार्च 2018 को संचयी स्वीकृति `23,212 करोड़ और कुल संवितरण `9,067 करोड़ था.
वार्षिक प्रगति निम्नानुसार हैः
वर्ष |
स्वीकृति |
संवितरण |
2010-11 |
42 |
0 |
2011-12 |
891 |
423 |
2012-13 |
2701 |
860 |
2013-14 |
1149 |
575 |
2014-15 |
682 |
610 |
2015-16 |
5919 |
1222 |
2016-17 |
4363
|
2456
|
2017-18 |
7,465
|
2,921
|
संचयी
|
23,212 |
9,067
|
आरंभ से अब तक नाबार्ड आधारभूत सुविधा विकास सहायता (नीडा) के अधीन निम्नलिखित विभिन्न क्षेत्रों की 66 परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई है :
- ऊर्जा पारेषण
- नवीरकरणीय उर्जा
- विद्युत वितरण पुनरुद्धार
- सड़कें और पुल
- भंडारण
- मंडी प्रांगण का विकास
- सिंचाई
- पेय जल
- स्वच्छता
आ. सहकारी बैंकों को सीधे पुनर्वित्त सहायता (डीआरए)
मुख्य कार्य :
वैद्यनाथन समिति के पुनरुत्थान पैकेज की सिफ़ारिशों को लागू करने से जि़ला मध्यवर्ती सहकारी बैंक (डीसीसीबी), राज्य सहकारी बैंकों (रास बैंकों) के अलावा दूसरे स्रोत से वित्तीय संसाधन जुटाने में सक्षम हो गए हैं.
इस संबंध में नाबार्ड ने जि़ला मध्यवर्ती सहकारी बैंक (जिमस बैंकों) और राज्य सहकारी बैंकों को सीधे वित्तपोषण के लिए एक अल्पावधि बहुउद्देशीय ऋण उत्पाद तैयार किया है.
उपलब्धियां:
सहकारी बैंकों को सीधे पुनर्वित्त सहायता के अधीन 31 मार्च 2018 को `35,188 करोड़ की संचयी स्वीकृति और `26,753 करोड़ का संचयी संवितरण था .
वार्षिक प्रगति निम्नानुसार हैः
वर्ष |
स्वीकृति |
संवितरण |
2010-11 |
100 |
0 |
2011-12 |
1547 |
938 |
2012-13 |
3385 |
2363 |
2013-14 |
4531 |
3430 |
2014-15 |
5680 |
4893 |
2015-16 |
7959 |
5540 |
2016-17 |
5,539 |
4,740 |
2017-18 |
6,447 |
4,849 |
संचयी |
35,188 |
26,753
|
सीधे ऋण वितरण के अधीन निधिपोषण श्रेणियों में निम्नलिखित प्रमुख हैं :
• `3.00 लाख से अधिक (रियायती ब्याज सीमा के ऊपर) के फसली ऋण
• गैर कृषि क्षेत्र गतिविधियों के अधीन कार्यशील पूंजी ऋण
• प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पैक्स) के माध्यम से अधिप्राप्ति परिचालन
• चीनी भण्डार की गिरवी के समक्ष वित्तीय सहायता
इ. संघों को ऋण सुविधा (सीएफ़एफ़)
मुख्य कार्य :
कृषि उत्पादों की अधिप्राप्ति और विपणन तथा उर्वरकों कीटनाशकों आदि जैसी कृषि निवेश वस्तुओं की आपूर्ति में संलग्न राज्य विपणन/ सहकारी संघों और निगमों को अल्पावधि ऋण प्रदान करने के उद्देश्य से संघों को ऋण सुविधा (सीएफ़एफ़) की शुरूआत की गई.
संघों को ऋण सुविधा (सीएफ़एफ़) के अधीन कृषि और संबंधित कमोडिटी की अधिप्राप्ति, कृषि निवेश वस्तुओं की आपूर्ति, आपूर्ति शृंखला प्रबंधन (सप्लाई चेन मैनेजमेंट), मूल्य संवर्धन (वैल्यू एडीशन) आदि के लिए कार्यशील पूंजी ऋण (18 महीने से कम की अवधि के लिए) हेतु ऋण सहायता उपलब्ध है.
उपलब्धियां:
सीएफएफ अधीन 31 मार्च 2018 तक संचयी स्वीकृति `46,063 करोड़ दी गई और कुल `58,609 करोड़ संवितरित किए गए. वर्ष-वार स्वीकृति और संवितरण निम्नानुसार है:
वार्षिक प्रगति निम्नानुसार हैः
वर्ष |
स्वीकृति |
संवितरण |
2012-13 |
3039 |
2500 |
2013-14 |
3110 |
2750 |
2014-15 |
6265 |
5155 |
2015-16 |
6235 |
7013.50 |
2016-17 |
12,160 |
15755 |
2017-18 |
15,254 |
25,436 |
संचयी |
46,063 |
58,609 |
संपर्क :
श्री यू डी शिरसालकर
मुख्य महाप्रबंधक
2री मंजिल, 'ए' विंग
सी-24, 'जी' ब्लॉक
बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स, बांद्रा (पूर्व)
मुंबई 400 051
टेली : (91) 022 26530098
फैक्स : (91) 022 26530067
ई-मेल : bid@nabard.org