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सहकारी क्षेत्र विकास विभाग
नाबार्ड में सहकारी क्षेत्र विकास विभाग की स्थापना दिनांक 08 अप्रैल 2024 को सहकारी क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव और आधुनिकीकरण को बढ़ावा देने के लिए की गई है. वर्तमान में, विभाग को मुख्य रूप से पैक्स के कंप्यूटरीकरण हेतु केंद्र प्रायोजित परियोजना (सीएसपीसीपी) और कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंकों के कंप्यूटरीकरण हेतु केंद्र प्रायोजित परियोजना (सीएसपीसीए) के कार्यान्वयन का कार्य सौंपा गया है.
1. प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पैक्स) का कंप्यूटरीकरण:
दिनांक 29 जून 2022 को, भारत सरकार की आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने पैक्स के कंप्यूटरीकरण हेतु केंद्र प्रायोजित योजना को मंजूरी दी, जिसका उद्देश्य पैक्स की कार्यक्षमता में वृद्धि करना, उनके संचालन में पारदर्शिता और जवाबदेही लाना तथा उनके व्यवसाय में विविधीकरण को प्रोत्साहित करना है.
इस परियोजना के तहत दिनांक 31 मार्च 2027 तक 67912 पैक्स के कंप्यूटरीकरण की परिकल्पना की गई है.
पैक्स के डिजिटलीकरण के साथ, सहकारी संरचना के सभी तीन स्तरों का डिजिटलीकरण किया जाएगा. इससे राज्य सहकारी बैंकों और जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंकों के कोर बैंकिंग सॉल्यूशन (सीबीएस) के साथ पैक्स के सहज एकीकरण का मार्ग भी प्रशस्त होगा.
2. कृषि और ग्रामीण विकास (कृग्रावि) बैंकों का कंप्यूटरीकरण:
सहकारिता मंत्रालय, भारत सरकार ने दिनांक 16 नवंबर 2023 के आदेशों के माध्यम से कृषि और ग्रामीण विकास बैंकों के कंप्यूटरीकरण के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिसके तहत दिनांक 31 मार्च 2026 तक 11 राज्यों और 02 संघ राज्य क्षेत्रों में 1867 कृग्रावि बैंकों की इकाइयों का कंप्यूटरीकरण किया जाएगा.
नाबार्ड, 13 राज्यों में कृग्रावि बैंकों की 1867 इकाइयों अर्थात् राज्य कृषि और ग्रामीण विकास सहकारी (राकृग्राविस) बैंक की शाखाओं, पर्यवेक्षी इकाइयों, प्राथमिक कृषि और ग्रामीण विकास सहकारी (प्राकृग्राविस) बैंकों और प्राकृग्राविस बैंक की शाखाओं के कंप्यूटरीकरण की कार्यान्वयन एजेंसी है.
श्री संजय कुमार गुप्ता
मुख्य महाप्रबंधक
पांच माला, ‘ई’ विंग
सी -24, ‘जी’ ब्लॉक
बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स, बांद्रा (पूर्व)
मुंबई -400051
टेली: 022- 68120082
ई-मेल पता: csdd@nabard.org
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