नाबार्ड में रु.5000 करोड़ की आरंभिक समूह निधि के साथ एमआईएफ का परिचालन 2019-20 में शुरू किया गया ताकि सूक्ष्म सिंचाई के अंतर्गत कवरेज़ के विस्तार के लिए राज्य सरकारों के प्रयासों में सहयोग दिया जाए और उन्हें ‘प्रधान मंत्री कृषि सिंचाई योजना – प्रति बूँद अधिक फसल’ के प्रावधानों के बाहर सूक्ष्म सिंचाई को अपनाने के लिए प्रोत्साहन दिया जाए. कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार इस निधि के अंतर्गत नोडल मंत्रालय है.
इस निधीयन व्यवस्था के अंतर्गत सहभागी राज्य सरकारों को भारत सरकार से 3% की ब्याज सहायता के साथ ऋण दिए जाते हैं.
जैसी कि केन्द्रीय बजट 2021-22 में घोषणा की गई है, एमआईएफ में और रु.5000 करोड़ की वृद्धि पर भारत सरकार विचार कर रही है.
आरंभिक समूह निधि के लिए एमआईएफ निधीयन व्यवस्था 31 मार्च 2023 तक है. 31 दिसंबर 2022 की स्थिति के अनुसार, एमआईएफ के अंतर्गत 08 राज्यों (आंध्र प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल) को 14 परियोजनाएँ मंजूर की गई हैं.
31 दिसंबर 2022 की स्थिति के अनुसार, संचयी रूप से मंजूर और जारी ऋण का राज्य-वार विवरण
क्र.सं. |
राज्य का नाम |
मंजूर ऋण |
जारी ऋण |
1 |
आंध्र प्रदेश |
616.13 |
616.13 |
2 |
गुजरात |
764.13 |
374.04 |
3 |
तमिलनाडु |
1357.93 |
1119.41 |
4 |
हरियाणा |
790.94 |
70.95 |
5 |
पश्चिम बंगाल |
276.55 |
0.00 |
6 |
पंजाब |
149.65 |
18.09 |
7 |
उत्तराखंड |
14.84 |
0.00 |
8 |
राजस्थान |
740.79 |
0.00 |
|
जोड़ |
4710.96 |
2198.63 |