सूक्ष्म सिंचाई निधि

नाबार्ड में ₹5000 करोड़ की आरंभिक समूह निधि के साथ एमआईएफ का परिचालन 2019-20 में शुरू किया गया ताकि सूक्ष्म सिंचाई के अंतर्गत कवरेज़ के विस्तार के लिए राज्य सरकारों के प्रयासों में सहयोग दिया जाए और उन्हें ‘प्रधान मंत्री कृषि सिंचाई योजना – प्रति बूँद अधिक फसल’ के प्रावधानों के बाहर सूक्ष्म सिंचाई को अपनाने के लिए प्रोत्साहन दिया जाए. कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार इस निधि के अंतर्गत नोडल मंत्रालय है.

मौजूदा वित्तपोषण व्यवस्था के तहत, भारत सरकार की ओर से 3% ब्याज अनुदान के साथ भाग लेने वाली राज्य सरकारों को ऋण दिया गया था।
 
कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय (MoA&FW), भारत सरकार (GoI) ने सूचित किया है कि 15वें वित्त आयोग की अवधि के लिए सूक्ष्म सिंचाई कोष (MIF) को और ₹5,000 करोड़ (जैसा कि केंद्रीय बजट 2021-22 में घोषित किया गया है) द्वारा जारी रखने और बढ़ाने को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 03 अक्टूबर 2024 को आयोजित अपनी बैठक में मंजूरी दे दी है, जिसमें ब्याज अनुदान को पहले के 3% से संशोधित कर 2% कर दिया गया है। तदनुसार, नाबार्ड के निदेशक मंडल (BoD) ने 12 नवंबर 2024 को आयोजित अपनी 259वीं बैठक में 15वें वित्त आयोग की अवधि के दौरान राज्य सरकारों के लिए MIF वित्तपोषण व्यवस्था को बढ़ाने और जारी रखने को मंजूरी दी।

31 दिसंबर 2024 की स्थिति के अनुसार, 08 राज्‍यों (आंध्र प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, पंजाब, राजस्‍थान, तमिल नाडु और उत्तराखंड) को एमआईएफ के अंतर्गत 14 परियोजनाएं मंजूर की गईं. संचयी रूप से मंजूरी ₹4719.10 करोड़ रही, जिसके समक्ष 31 दिसंबर 2024 की स्थिति के अनुसार ₹3639.49 करोड़ की राशि जारी की गई.

31 दिसंबर 2024 की स्थिति के अनुसार संचयी रूप से मंजूर और जारी ऋण का राज्य-वार विवरण:

क्र.सं. राज्य का नाम मंजूर ऋण जारी ऋण
1 आंध्र प्रदेश 616.13 616.13
2 गुजरात 764.13 641.29
3 तमिल नाडु 1357.93 1357.93
4 हरियाणा 785.30 365.89
5 पंजाब 149.65 32.13
6 उत्तराखंड 14.84 0.58
7 राजस्‍थान 740.79 465.67
8 कर्नाटक 290.33 159.87
जोड़ 4719.10 3639.49

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