कृषि जिंसों के भंडारण के लिए बुनियादी सुविधाओं के निर्माण में सहायता देने के लिए वर्ष 2014-15 के बजट में नाबार्ड को `5000 करोड़ आवंटन की घोषणा के फलस्वरूप, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने नाबार्ड में भंडारागार आधारभूत सुविधा निधि (डबल्यूआईएफ़ 2014-15) सृजन के लिए दिशानिर्देश जारी किये. निधि से गोदामों, साइलोस, कोल्ड स्टोरेज और अन्य कोल्ड चेन के बुनियादी ढांचों के निर्माण के लिए सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के लिए ऋण प्रदान करने की परिकल्पना की गई.
शामिल गतिविधियां
कृषि और संबंधित उत्पादों के लिए 5000 मीट्रिक टन (एमटी) की एक न्यूनतम कुल क्षमता वाली भंडारण बुनियादी सुविधाओं के सृजन से संबंधित परियोजनाओं के लिए ऋण प्रदान किया जाएगा जिसमें निम्न का निर्माण शामिल होगा:
क. भंडारागार
ख. साइलोस
ग. शीत भंडारण, नियंत्रित वातावरण (सीए) भंडार, पैक हाउस / एकीकृत पैक हाउस, रीफ़र वैन, थोक कूलर, पृथक शीघ्र फ्रोजन इकाइयां, चिलिंग/ फ्रीजिंग बुनियादी ढांचे, आदि जैसे अन्य कोल्ड चेन बुनियादी ढांचे.
मौजूदा भंडारण बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के आधुनिकीकरण/ सुधार पर प्रत्येक प्रस्ताव की गुणवत्ता के आधार पर विचार किया जाएगा बशर्ते उससे वैज्ञानिक / अतिरिक्त भंडारण क्षमता सृजित होती हो.
सरकारी/ सरकारी निगमों की परियोजनाओं के लिए कोई न्यूनतम क्षमता नहीं है।
पात्र संस्थायें/ कंपनियां
- राज्य सरकारें
- राज्य/ केन्द्रीय सरकार के स्वामित्व/ सहायता प्राप्त संस्थायें, सहकारी समितियां, सहकारी समितियों के संघ, किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ), कृषक सहकारी/सामुदायिक महासंघों, पीपीपी मोड के तहत स्थापित एसपीवी आदि.
- प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पैक्स)/ सहकारी विपणन समितियों (सीएमएस) या इसी तरह के संस्थायें
- कॉरपोरेट/ कंपनियां/ एकल उद्यमी आदि
अतिरिक्त जानकारी
- परिचालन दिशानिर्देश - भंडारागार आधारभूत सुविधा निधि - 2014-15
- भंडारागार आधारभूत सुविधा निधि (डबल्यूआईएफ़ 2013-14) के तहत स्वीकृत परियोजनाओं की सूची
- भंडारागार आधारभूत सुविधा निधि (डबल्यूआईएफ़ 2014-15) के तहत स्वीकृत परियोजनाओं की सूची
- 31 सितंबर 2016 को डबल्यूआईएफ़ 2013-14 और 2014-15 के तहत संचयी स्वीकृति एवं संवितरण.