1. सहकारी बैंकों को सीधे पुनर्वित्त सहायता की आवश्यकता
वैद्यनाथन समिति की सिफारिशों के अनुसार अल्पावधि ऋण ढांचे (एसटीसीसीएस) संबंधी भारत सरकार के पुनरुद्धार पैकेज के कारण जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा विनियमित/ अनुमोदित किसी वित्तीय संस्था से सीधे निधियां उधार ले सकते हैं.
नाबार्ड ने एक उत्पाद यथा 'अल्पावधि बहुउद्देशीय ऋण उत्पाद' (एसटीएमपीसीपी) विकसित किया है ताकि सहकारी बैंकों (रास बैंकों/ जिमस बैंकों) के मुख्यतः ऋण देने संबंधी संसाधनों के विस्तार और उनकी लाभप्रदता में सुधार लाने के लिए उनके कारोबार परिचालनों में विविधता लाने हेतु उन्हें वित्तीय सहायता प्रदान की जा सके.
2. एसटीएमपीसीपी के अंतर्गत आने वाले प्रयोजन
i. अल्पावधि बहुउद्देशीय ऋण उत्पाद
- कार्यशील पूंजी जरूरतें
- कृषि उपकरण और अन्य उत्पादन आस्तियों की मरम्मत और रखरखाव
- उत्पाद का भण्डारण/ ग्रेडिंग/ पैकेजिंग
- विपणन गतिविधियां
- फसल ऋण (यदि रू.3.0 लाख से अधिक की जरूरत है)
- पुराने ऋणों का मोचन और अन्य सामाजिक-आर्थिक जरूरतें
- उक्त के अलावा नाबार्ड अधिनियम, 1981 की धारा 21(1)(i) से (v) के अंतर्गत आने वाले सभी प्रयोजन इस उत्पाद के अंतर्गत पुनर्वित्त हेतु पात्र हैं.
ii. चीनी मिलों को आगे उधार देने (ऑन लेंडिंग) के लिए सहकारी बैंकों को सहायता
चीनी मिलों (सहकारी और निजी) को आगे उधार देने (ऑन लेंडिंग) हेतु सहकारी बैंकों को पुनर्वित्त सहायता प्रदान की जाएगी ताकि गन्ने की अधिप्राप्ति और आंतरिक खर्चों हेतु किसानों को शीघ्र भुगतान किया जा सके. मंजूरी की शर्तें, बैंकों की पात्रता, ब्याज दर और प्रतिभूति अल्पावधि बहुउद्देशीय ऋण उत्पाद जैसी ही रहेंगी.
3. एसटीएमपीसीपी के अंतर्गत पात्रता मानदंड
i. ऋण सीमा सुनियंत्रित और वित्तीय रूप से सुदृढ़ 'ए' और 'बी' श्रेणी के रास बैंकों/ मस बैंकों को मंजूर की जाएगी. उनके पास भारतीय रिजर्व बैंक का लाइसेंस होना चाहिए.
ii. चीनी मिलों को ऑन लेंडिंग के मामले में नाबार्ड से पुनर्वित्त सहायता के लिए पात्रता हेतु बैंकों को निम्नलिखित मानदंड पूरे करने होंगेः
- चीनी मिलों की निवल मालियत सकारात्मक हो.
- इनमें संचित हानियां न हों.
- सीएमए मानदंडों का उल्लंघन न हुआ हो.
- चीनी मिलों ने वित्तपोषक संस्थाओं के देयों के भुगतान में चूक न की हो.
- वार्षिक लेखों की नियमित लेखापरीक्षा की जाती हो और वे अद्यतन हों.
- बैंक के पास खाता मानक आस्ति के रूप में होना चाहिए.
4. एसटीएमपीसीपी के अंतर्गत निधिपोषण हेतु महत्वपूर्ण पहलू
i. परिचालन अवधि और ऋण सेवा का स्वरूप
- ऋण सीमा मंजूरी की तिथि से एक वर्ष तक क्रियाशील रहेगी.
- ऋण सीमा नकद साख के रूप में होगी.
- बैंक आवश्यकतानुसार कई बार आहरण और चुकौती कर सकते हैं.
- खाते के संतोषजनक परिचालन पर एक वर्ष पूर्ण होने के बाद ऋण सीमा के नवीकरण हेतु विचार किया जा सकता है.
ii. ऋण सीमा की प्रमात्रा
अल्पावधि बहुउद्देशीय ऋण उत्पाद के अंतर्गत बैंक द्वारा दिए गए ऋणों के 100 प्रतिशत तक और चीनी मिलों को आगे उधार देने (ऑन लेंडिंग) हेतु 75 प्रतिशत.
iii. ब्याज दर
ब्याज दर बाजार में प्रचलित दशाओं के आधार पर समय-समय पर निश्चित की गई दरों के अनुरूप होगी. खाते/ खातों में बकाया शेष/ शेषों पर ब्याज तिमाही अंतरालों पर देय होगा.
iv. पुनर्वित्त सहायता के लिए प्रतिभूति के मानदंड
- जोखिम रेटिंग टूल का प्रयोग करके बैंकों का मूल्यांकन किया जाएगा. रेटिंग के आधार पर अधिसूचित बैंकों द्वारा जारी और भारमुक्त मीयादी जमा रसीदों के रूप में उधारकर्ता बैंक द्वारा प्रतिभूति प्रदान की जाएगी.
- रास बैंकों की ऋण सीमा के लिए सरकारी गारंटी अथवा प्रतिज्ञा पत्र जो भी लागू हो, को माना जाएगा