सूक्ष्म सिंचाई निधि (एमआईएफ़) की शुरुआत नाबार्ड में वर्ष 2019-20 को रु.5000 करोड़ प्रारम्भिक कॉर्पस के साथ की गई थी.
इस निधि का उद्देश्य राज्य सरकारों के सूक्ष्म सिंचाई के दायरे का विस्तार करने के लिए अतिरिक्त संसाधन जुटाने और
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना-प्रति बूंद, अधिक फसल के प्रावधानों से परे इसे अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने में
राज्य सरकारों के प्रयासों को सुविधाजनक बनाना था. कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार इस निधि के अंतर्गत नोडल
मंत्रालय है.
इसके अलावा, 15वें वित्त आयोग की अवधि के लिए सूक्ष्म सिंचाई कोष (एमआईएफ) को जारी रखने और उसमें अतिरिक्त ₹5,000 करोड़
की वृद्धि को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 3 अक्टूबर 2024 को हुई अपनी बैठक में मंज़ूरी दे दी, साथ ही ब्याज सहायता को पहले
के 3% से बढ़ाकर 2% कर दिया गया। नाबार्ड के निदेशक मंडल (बीओडी) ने 12 नवंबर 2024 को हुई अपनी 259वीं बैठक में इसे
मंज़ूरी दे दी है।
एमआईएफ के तहत स्वीकृत संचयी ऋण ₹4853.50 करोड़ था, जिसके विरुद्ध 31 अक्टूबर 2025 तक ₹4074.63 करोड़ जारी किए जा चुके
हैं।
31 अक्टूबर 2025 की स्थिति के अनुसार संचयी रूप से मंजूर और जारी ऋण का राज्य-वार विवरण:
| क्र.सं. |
राज्य का नाम |
मंजूर ऋण |
जारी ऋण |
| 1 |
आंध्र प्रदेश |
616.13 |
616.13 |
| 2 |
गुजरात |
764.13 |
764.13 |
| 3 |
तमिल नाडु |
1357.93 |
1357.93 |
| 4 |
हरियाणा |
785.30 |
365.89 |
| 5 |
पंजाब |
149.65 |
45.46 |
| 6 |
उत्तराखंड |
4.81 |
0.58 |
| 7 |
राजस्थान |
740.79 |
667.45 |
| 8 |
कर्नाटक |
290.33 |
257.07 |
| 9 |
तेलंगाना |
144.43 |
0.00 |
| |
कुल |
4853.50 |
4074.63 |
एमआईएफ के अंतर्गत नाबार्ड द्वारा अब तक की गई मंजूरियों में 24.84 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सूक्ष्म सिंचाई कवरेज के
विस्तार का लक्ष्य रखा गया है. इसमें से 31 अक्टूबर 2025 तक राज्यों द्वारा 23.21 लाख हेक्टेयर क्षेत्र कवर किया गया है
(स्रोत-एमओए&एफडब्ल्यू, भारत सरकार).