बाह्य परिपत्र सं. 49 / डॉस – 14 / 2023
17 मार्च 2023
संदर्भ .सं.एनबी.डॉस प्र.का. / 6067 /एन्श्यौर/ पी-177 / 2022-23
सभी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंको के अध्यक्ष
प्रिय महोदय/महोदया
स्थलेतर निगरानी प्रणाली: ओएसआर-10 विवरणी – अतिरिक्त डेटा बिन्दु
कृपया दिनांक 25 फरवरी 2022 का हमारा परिपत्र संख्या राबैं. डॉस. प्रका./ 4417/एन्श्यौर /पी-177 / 2021-22 देखें जिसमें गुणात्मक मानदंडों और कुछ अन्य अलेखापरीक्षित/ लेखापरीक्षित गुणात्मक मानदंडों पर जानकारी प्राप्त करने के लिए "ओएसआर-10" नामक एक तिमाही विवरणी की शुरुआत की गई थी. इन विवरणियों को प्रस्तुत करने की आवधिकता और समयसीमाएँ दिनांक 28 मार्च 2022 के परिपत्र संख्या राबैं.डॉस.प्रका/ ओएसएस/ 4826/ पी.63/ 2021-22 द्वारा निर्धारित की गई थी.
2. हम यह सूचित करते हैं कि दिनांक 29 दिसंबर 2022 को संपन्न अपनी 88वीं बैठक में पर्यवेक्षण बोर्ड [राज्य सहकारी बैंकों, जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों हेतु] ने बैंकों की वित्तीय स्थिति की समीक्षा और बड़े बैंकों का विश्लेषण (31 मार्च 2022 की स्थिति में वित्तीय स्थिति के संदर्भ में निरीक्षित) करते समय यह निर्देश दिया था कि पर्यवेक्षित संस्थाओं को सूचित किया जाए कि वे सीआरएआर और अन्य मुख्य मानदंडों, जैसे- आरओए, एनआईएम, पीसीआर, जीएनपीए, एनएनपीए, शुद्ध लाभ आदि का आकलन तिमाही आधार पर करें और उस डेटा को एन्श्यौर में प्रस्तुत करें. इसके फलस्वरूप नाबार्ड अन्य बातों के साथ-साथ पर्यवेक्षित संस्थाओं के निष्पादन के विश्लेषण की प्रभावकारिता में योजनाबद्ध और समयबद्ध रूप से सुधार कर सकेगा.
3. पर्यवेक्षण बोर्ड के निर्देशानुसार, ओएसआर-10 विवरणी को संशोधित कर उसमें अतिरिक्त डेटा बिन्दुओं को शामिल करने का निर्णय लिया गया है. संशोधित विवरणी 31 मार्च 2023 को समाप्त होने वाली तिमाही से प्रभावी होगी और सभी बैंकों को सूचित किया जाता है कि वे निर्धारित विवरणी को एन्श्यौर पोर्टल के माध्यम से सतत आधार पर प्रस्तुत करें. बैंक इस संबंध में अपनी आवश्यकताओं का मूल्यांकन करें और अपनी आंतरिक प्रबंधन सूचना प्रणाली (एमआईएस) में उपयुक्त परिवर्तन/सुधार करें ताकि वित्तीय संकेतकों की गणना शुद्ध रूप से की जाए जिससे विवरणियों की सही और समयबद्ध प्रस्तुति सुनिश्चित की जा सके.
4. पुनः उल्लेख है कि स्थलेतर निगरानी प्रणाली (ओएसएस) के अंतर्गत सभी विवरणियों को पर्यवेक्षित संस्थाओं (एसई) के अध्यक्ष और अनुपालन अधिकारी द्वारा प्रमाणित किया जाए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ओएसएस विवरणियाँ प्रस्तुत करते समय बैंक समयबद्धता और सटीकता को समुचित महत्व देते हैं.
5. इसके अलावा, ओएसएस/एफएमएस विवरणियाँ नाबार्ड द्वारा बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 27(3) के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए निर्धारित की गई हैं और इसलिए ये सांविधिक हैं. पर्यवेक्षित निकायों (एसई) को बिना किसी चूक के निर्धारित अनुसूची के अनुसार इन विवरणियों की प्रस्तुति सुनिश्चित करनी चाहिए. इन विवरणियों को प्रस्तुत न करने/इनमें गलत रिपोर्टिंग करने पर उक्त अधिनियम के तहत विनियामक कार्रवाई की जाएगी.
6. कृपया इस परिपत्र की पावती हमारे संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय को दें.
भवदीय
ह/-
(के एस रघुपति)
मुख्य महाप्रबंधक