कृपया 12 अक्तूबर 2018 का हमारा परिपत्र सं 263/ पुनर्वित्त – 67/ 2018 देखें जिसके साथ उपर्युक्त योजना के परिचालनात्मक दिशानिर्देश और 03 अक्तूबर 2019 का परिपत्र सं.279/ पुनर्वित्त-76/2020 देखें जिसमें स्पष्टीकरण दिए गए हैं. खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग(डीएफ़पीडी), भारत सरकार ने परिचालनात्मक दिशानिर्देशों के पैरा 5(ii) में अब संशोधन किए हैं. अब इन्हें निम्नानुसार पढ़ा जाएगा:
2. आवेदक को खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग से सैद्धांतिक अनुमोदन प्राप्त होने के बाद दो वर्ष के भीतर बैंक से ऋण वितरण करवाना होगा, अन्यथा सैद्धांतिक अनुमोदन रद्द हो जाएगा. योजना की अधिसूचना की तिथि के बाद किन्तु निर्धारित अंतिम तिथि के भीतर खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग को प्रस्तुत आवेदनों के मामले में आवेदकों को डीएफ़पीडी के सैद्धांतिक अनुमोदन से पहले ऋण वितरित किए गए हैं वे भी योजना के अधीन ब्याज सुविधा के लिए पात्र होंगे. साथ ही, बैंक से ऋण की पहली किस्त जारी किए जाने की तिथि के बाद दो वर्ष के भीतर यह परियोजना पूरी कर लेनी चाहिए.
3. कृपया अपने कार्य क्षेत्र में आने वाले सभी शाखाओं/ नियंत्रक कार्यालयों/ ज़िला मध्यवर्ती सहकारी बैंकों को उपर्युक्त स्पष्टीकरण से अवगत कराएं.