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स्थलेतर निगरानी प्रणाली: ओएससी-10 विवरणी – अतिरिक्त डेटा बिन्दु

बाह्य परिपत्र सं. 50 / डॉस-15 /2023

17 मार्च 2023

संदर्भ .सं.एनबी.डॉस प्र.का / 6068 / एन्श्यौर/ पी-177 / 2022-23

सभी राज्य सहकारी बैंकों के प्रबंध निदेशक

सभी जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंकों के प्रबंध निदेशक/मुख्य कार्यपालक अधिकारी

प्रिय महोदय/महोदया

स्थलेतर निगरानी प्रणाली: ओएससी-10 विवरणी – अतिरिक्त डेटा बिन्दु

कृपया दिनांक 25 फरवरी 2022 का हमारा परिपत्र संख्या राबैं.डॉस.प्रका/4426/ एन्श्यौर/पी-177/2021-22 देखें जिसमें गुणात्मक मानदंडों और कुछ अन्य अलेखापरीक्षित / लेखापरीक्षित गुणात्मक मानदंडों पर जानकारी प्राप्त करने के लिए "ओएससी-10" नामक एक तिमाही विवरणी की शुरुआत की गई थी. इन विवरणियों को प्रस्तुत करने की आवधिकता और समयसीमाएँ दिनांक 28 मार्च 2022 के परिपत्र संख्या राबैं.डॉस. प्रका/ ओएसएस/ 4826/ पी.63/ 2021-22 द्वारा निर्धारित की गई थी.

2. हम यह सूचित करते हैं कि दिनांक 29 दिसंबर 2022 को संपन्न अपनी 88वीं बैठक में पर्यवेक्षण बोर्ड [राज्य सहकारी बैंकों, जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों हेतु] ने बैंकों की वित्तीय स्थिति की समीक्षा और बड़े बैंकों का विश्लेषण (31 मार्च 2022 की स्थिति में वित्तीय स्थिति के संदर्भ में निरीक्षित) करते समय यह निर्देश दिया था कि पर्यवेक्षित संस्थाओं को सूचित किया जाए कि वे जोखिम भारित आस्तियों की तुलना में पूंजी अनुपात (सीआरएआर) और अन्य मुख्य मानदंडों, जैसे - आस्तियों पर प्रतिलाभ (आरओए), निवल ब्याज मार्जिन (एनआईएम), प्रावधान कवरेज अनुपात (पीसीआर), सकल अनर्जक आस्तियाँ (जीएनपीए), निवल अनर्जक आस्तियाँ (एनएनपीए), निवल लाभ आदि का आकलन तिमाही आधार पर करें और उस डेटा को एन्श्यौर में प्रस्तुत करें. इसके फलस्वरूप नाबार्ड अन्य बातों के साथ-साथ पर्यवेक्षित संस्थाओं के निष्पादन के विश्लेषण की प्रभावोत्पादकता में योजनाबद्ध और समयबद्ध रूप से सुधार कर सकेगा.

3. पर्यवेक्षण बोर्ड के निर्देशानुसार, ओएससी-10 विवरणी को संशोधित कर उसमें अतिरिक्त डेटा बिन्दुओं को शामिल करने का निर्णय लिया गया है. संशोधित विवरणी 31 मार्च 2023 को समाप्त होने वाली तिमाही से प्रभावी होगी और सभी बैंकों को सूचित किया जाता है कि वे निर्धारित विवरणी को एन्श्यौर पोर्टल के माध्यम से सतत आधार पर प्रस्तुत करें. बैंक इस संबंध में अपनी आवश्यकताओं का मूल्यांकन करें और अपनी आंतरिक प्रबंधन सूचना प्रणाली (एमआईएस) में उपयुक्त परिवर्तन/सुधार करें ताकि वित्तीय संकेतकों की गणना शुद्ध रूप से की जाए जिससे विवरणियों की सही और समयबद्ध प्रस्तुति सुनिश्चित की जा सके.

4. पुनः उल्लेख है कि स्थलेतर निगरानी प्रणाली (ओएसएस) के अंतर्गत सभी विवरणियों को पर्यवेक्षित संस्थाओं (एसई) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) और अनुपालन अधिकारी द्वारा प्रमाणित किया जाए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ओएसएस विवरणियाँ प्रस्तुत करते समय बैंक समयबद्धता और सटीकता को समुचित महत्व देते हैं.

5. इसके अलावा, ओएसएस/एफएमएस विवरणियाँ नाबार्ड द्वारा बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 (ससयला) की धारा 27(3) के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए निर्धारित की गई हैं और इसलिए ये सांविधिक हैं. पर्यवेक्षित निकायों (एसई) को बिना किसी चूक के निर्धारित अनुसूची के अनुसार इन विवरणियों की प्रस्तुति सुनिश्चित करनी चाहिए. इन विवरणियों को प्रस्तुत न करने/इनमें गलत रिपोर्टिंग करने पर उक्त अधिनियम में यथानिर्दिष्ट विनियामक कार्रवाई की जा सकती है.

6. कृपया इस परिपत्र की पावती हमारे संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय को दें.

भवदीय

ह/-
(के एस रघुपति)
मुख्य महाप्रबंधक