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पूर्वोत्तर राज्यों में कार्यरत बैंकों के ग्राहक सेवा केन्द्रों (सीएसपी)/ बिज़नेस कॉरेस्पोंडेंट (बीसी) के लिए प्रोत्साहन योजना
 

11 अगस्त 2023

संदर्भ सं.राबैं.प्रका. डीएफ़आईबीटी/ 6955-6979 / डीएफ़आईबीटी -23/2023-24
परिपत्र सं.171/डीएफ़आईबीटी-04/2023

अध्यक्ष/ प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यपालक अधिकारी
सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (लघु वित्त बैंक और भुगतान बैंक सहित) /क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक/राज्य सहकारी बैंक/जिला केंद्रीय सहकारी बैंक
(अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, त्रिपुरा और सिक्किम)

महोदया/ महोदय,

पूर्वोत्तर राज्यों में कार्यरत बैंकों के ग्राहक सेवा केन्द्रों (सीएसपी)/ बिज़नेस कॉरेस्पोंडेंट (बीसी) के लिए प्रोत्साहन योजना

वित्तीय सेवाएँ विभाग (डीएफएस), भारत सरकार ने बिज़नेस कॉरेस्पोंडेंट पर कार्यकारी समूह द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट के निष्कर्षों पर चर्चा करने के लिए बिज़नेस कॉरेस्पोंडेंट (बीसी) की कार्यप्रणाली हेतु अनुप्रवर्तन समिति का गठन किया था, जिसे बिज़नेस कॉरेस्पोंडेंट की कार्य व्यवस्था में उपस्थित कमियों का अध्ययन करने के लिए स्थापित किया गया था| इसके अतिरिक्‍त, 13 अक्टूबर 2022 को आयोजित बिज़नेस कॉरेस्पोंडेंट की अनुप्रवर्तन समिति की तीसरी बैठक में यह सुझाव दिया गया था कि नाबार्ड द्वारा केवल उन बिज़नेस कॉरेस्पोंडेंट को मुआवजा देने के लिए एक योजना तैयार की जा सकती है जो दूर दराज के क्षेत्रों में काम कर रहे हैं, इस निर्देश के साथ कि योजना को अंतिम रूप देने से पूर्व इसे वित्तीय समावेशन निधि (एफआईएफ) के सलाहकार बोर्ड के समक्ष रखा जाए|

2. तदनुसार, नाबार्ड द्वारा एक प्रायोगिक परियोजना तैयार की गई थी जो 12 जनवरी 2023 को आयोजित एफ़आईएफ़ के सलाहकार बोर्ड के समक्ष उसकी 30वीं बैठक में रखी गई थी| इस प्रस्ताव पर विचार-विमर्श करने के पश्चात, सलाहकार बोर्ड ने पूर्वोत्तर राज्यों में कार्यरत बैंकों के सीएसपी/बीसी (बैंकों में ग्राहक सेवा पर भारतीय रिज़र्व बैंक के मास्टर परिपत्र) को एफआईएफ से वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए प्रायोगिक योजना को अनुमोदन प्रदान किया ताकि परिवहन से संबन्धित उनकी कुछ लागतों की भरपाई की जा सके और उनकी निवल आय में वृद्धि की जा सके ताकि वे इन क्षेत्रों में निरंतर परिचालन के लिए पर्याप्त आय अर्जित कर सकें|

3. इस योजना के तहत प्रदान की जाने वाली प्रोत्साहन राशि बैंकों द्वारा पहले से भुगतान किए जा रहे निश्चित कमीशन और परिवर्तनीय कमीशन के अतिरिक्त होगी| यह प्रोत्साहन राशि व्यक्तिगत बीसी या बीसी एजेंट या सीएसपी ऑपरेटर, जिसे इसके बाद से "ऑपरेटर" कहा जाएगा, को सीधे देय होगी, जो लेनदेन की सुविधा प्रदान करने के साथ लेनदेन के न्यूनतम स्तर को पूरा करता है

4. इस प्रायोगिक परियोजना का विवरण निम्नानुसार है:

  • क) परिचालन अवधि: इस योजना की परिचालन अवधि 3 वर्ष की होगी, अर्थात् 01 अप्रैल 2023 से 31 मार्च 2026 तक| यदि आवश्यक हुआ तो इस योजना को आगे बढ़ाने का निर्णय, योजना के अंतर्गत प्राप्त परिणामों के आधार पर लिया जाएगा|
  • ख) पात्र संस्थाएं: यह योजना पूर्वोत्तर राज्यों (अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, त्रिपुरा और सिक्किम) में कार्य करने वाले सभी बैंकों के लिए लागू होगी|
  • ग) पात्र व्यक्‍ति: बैंकों द्वारा सीधे नियुक्त किए गए ऑपरेटर या कॉर्पोरेट बीसी के माध्यम से बैंकों द्वारा नियुक्‍त किए गए ऑपरेटर| दूसरे शब्दों में, सेवा प्रदान करने वाला व्यक्ति प्रोत्साहन के लिए पात्र होगा न कि वह एजेंसी जिसने उन्हें नियुक्‍त किया है| एक ऑपरेटर एक ही प्रोत्साहन के लिए पात्र होंगे, भले ही उनके द्वारा कितने भी गाँवों में सेवा प्रदान की जा रही हो|
  • घ) पात्र स्थान: जनगणना 2011 के अनुसार ग्रामीण केंद्रों अर्थात टियर 5 और टियर 6 केंद्रों (जनसंख्या 9,999 तक) में कार्य कर रहे ऑपरेटर|
  • ङ) योजना के तहत प्रोत्साहन का दावा करने के लिए पात्रता: बैंकों द्वारा पूर्वोत्तर राज्यों में नियुक्त प्रति माह औसतन 50 और उससे अधिक वित्तीय लेन-देन करने वाले बैंकों के ओपरेटरों को Rs 1,000/- प्रति माह का वित्तीय प्रोत्साहन दिया जाएगा, जो कि प्रत्येक गाँव में अधिकतम दो शीर्ष प्रदर्शन करने वाले ओपरेटरों को दिया जाएगा|

5. सहायता के लिए पात्र गतिविधियाँ: ऑपरेटर आउटलेट्स पर उपलब्ध कराई जा सकने वाली व्यापक गतिविधियों की सांकेतिक सूची अनुबंध 1 में दी गई है|

6. नाबार्ड से प्रतिपूर्ति का दावा करने की प्रक्रिया:

  • क) प्रति ऑपरेटर 1,000/- रुपये प्रति माह की प्रोत्साहन राशि प्रति गाँव के आधार पर प्रदान की जाएगी, जो अधिकतम दो शीर्ष प्रदर्शन करने वाले ऑपरेटरों को दी जाएगी|
  • ख) बैंकों को संबंधित राज्य, जहाँ ऑपरेटर अपनी सेवाएँ प्रदान कर रहे हैं और जिनके लिए प्रोत्साहन दावा प्रस्तुत किया जाएगा, में स्थित नाबार्ड के क्षेत्रीय कार्यालय को प्रस्ताव प्रस्तुत करना होगा | बैंकों को नाबार्ड के संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय से पूर्व अनुमोदन प्राप्त करना अपेक्षित है| बैंकों द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाले आवेदन का प्रारूप (परिशिष्ट I) संलग्न है|
  • ग) नाबार्ड की स्वीकृति मिलने पर, बैंकों को अगले वित्तीय वर्ष के 30 जून तक निर्धारित प्रारूप (परिशिष्ट II) में पिछले वित्तीय वर्ष का वार्षिक प्रतिपूर्ति दावा प्रस्तुत करना होगा|
  • घ) बैंक एफआईएफ के अंतर्गत केवल उन ऑपरेटरों के लिए प्रोत्साहन का दावा करने के लिए पात्र होंगे जो पूरे 12 माह तक उनसे जुड़े हुए थे| तथापि, किसी भी वित्तीय वर्ष के दौरान बीच में किसी भी माह में कार्यरत नए ऑपरेटरों के लिए न्यूनतम छह माह के कार्यनिष्पादन को ध्यान में रखा जाएगा|
  • ङ) ऑपरेटर द्वारा किए गए वित्तीय लेनदेन की मासिक औसत संख्या का पता लगाने के लिए, ऑपरेटर द्वारा एक वित्तीय वर्ष में किए गए कुल वित्तीय लेनदेन को 12 या ऑपरेटर की नियुक्ति के महीनों की संख्या (न्यूनतम 6 महीने के अधीन) से भाग कर किया जाएगा|
  • च) बैंकों को एक घोषणा पत्र प्रस्तुत करना होगा कि उन्होंने वित्तीय वर्ष की समाप्ति से 30 दिनों की अवधि के भीतर पात्र ऑपरेटर के बैंक खाते में प्रोत्साहन राशि जमा कर दी है |
  • छ) बैंकों को अपनी शाखाओं द्वारा ऑपरेटरों के कार्य निष्पादन की समीक्षा तिमाही आधार पर और नियंत्रक कार्यालयों द्वारा छमाही आधार पर सुनिश्चित करनी चाहिए जिससे कि निष्पादन का जायज़ा लेकर, मागर्दशन प्रदान कर समस्याओं का निवारण किया जा सके|
  • ज) संबंधित बैंकों द्वारा सहायता प्राप्त करने वाले सभी ऑपरेटरों को जन धन दर्शक पोर्टल या डीएफएस/ आईबीए/ आरबीआई/ नाबार्ड द्वारा अनुरक्षण किए जाने वाले ऐसे किसी भी पोर्टल पर पंजीकरण कराना होगा|
  • झ) बैंक जिले में स्थित जिला समन्वयक को सलाह देंगे कि वे एलडीएम के परामर्श से गाँव में शीर्ष कार्य निष्पादन करने वाले पात्र ऑपरेटर की सूची को अंतिम रूप दें|

7. अन्य महत्वपूर्ण शर्तें:

  • क) बैंकों को स्व-निर्धारित लक्ष्यों को तैयार कर वित्तीय सुविधाओं से वंचित क्षेत्रों में ऋण प्रवाह को बढ़ाने के लिए सत्यनिष्ठा से प्रयास करने चाहिए|
  • ख) इस योजना के अंतर्गत सभी ऑपरेटरों को प्रधान मंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई), प्रधान मंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई) और अटल पेंशन योजना (एपीवाई) के तहत कवर किया जाए|
  • ग) बैंकों को ऐसे ऑपरेटरो की समूह चिकित्सा बीमा योजना प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित किया जाए|
  • घ) कवर न किए गए प्रत्येक गाँव के 5 किमी के दायरे में ऑपरेटरों को रखने की प्राथमिकता के संबंध में बैंको द्वारा एलडीएम और राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ संपर्क किया जाए|

भवदीय

हस्ता.
(सी उदयभास्कर)
मुख्य महाप्रबंधक

अनुलग्नक : यथोक्त

अनुबंध - 1

सभी नियत बिन्दु निकासो पर उपलब्ध कराई जाने वाली अनिवार्य सेवाओं की सूची
(*बैंक के लिए विनियामक एजेंसियों द्वारा ऐसी सेवा की मंजूरी के अधीन)

क्रम. सं. सेवा
1 बचत खाते खोलना *
2 नकद जमा (लोकल बायोमेट्रिक/ एईपीएस/ रुपे कार्ड के माध्यम से ऑन-अस) *
3 नकद जमा (एईपीएस/ रुपे कार्ड के माध्यम से ऑफ-अस) *
4 नकदी आहरण (लोकल बायोमेट्रिक/ एईपीएस/ रुपे कार्ड के माध्यम से ऑन-अस) *
5 नकदी आहरण (एईपीएस/ रुपे कार्ड के माध्यम से ऑफ-अस) *
6 नकदी अंतरण (लोकल बायोमेट्रिक/ एईपीएस/ रुपे कार्ड के माध्यम से ऑन-अस) *
7 नकदी अंतरण (एईपीएस/ रुपे कार्ड के माध्यम से ऑफ-अस) *
8 आईएमपीएस
9 एनईएफ़टी
10 बैंक द्वारा अनुमोदित सीमाओं तक साधारण ऋण खातों में वसूली *
11 एसएचजी ड्यूअल प्रमाणीकरण लेनदेन *
12 टीडीआर खाता खोलना/नवीकरण करना
13 आरडी खाता खोलना
14 सूक्ष्म आकस्मिक मृत्यु बीमा (पीएमएसबीवाई) के तहत नामांकन *
15 सूक्ष्म जीवन बीमा (पीएमजेजेबीवाई) के तहत नामांकन *
16 सोशल सुरक्षा पेंशन योजना (एपीवाई) के तहत नामांकन *
17 रुपे डेबिट कार्ड जारी करना
18 डेबिट कार्ड को ब्लॉक करना
19 शेष पूछताछ (लोकल बायोमेट्रिक/ एईपीएस/ रुपे कार्ड के माध्यम से ऑन-अस) *
20 शेष पूछताछ (एईपीएस/ रुपे कार्ड के माध्यम से ऑफ-अस) *
21 मिनी स्टेटमेंट (लोकल बायोमेट्रिक/ एईपीएस/ रुपे कार्ड के माध्यम से ऑन-अस) *
22 मिनी स्टेटमेंट (एईपीएस/ रुपे कार्ड के माध्यम से ऑफ-अस) *
23 नए चेक बुक के लिए अनुरोध
24 चेक भुगतान को रोकना
25 चेक की स्थिति की पूछताछ
26 चेक प्राप्ति
27 आधार सीडिंग, मोबाइल सीडिंग
28 पासबुक का अद्यतनीकरण
29 एसएमएस अलर्ट/ ईमेल विवरण के लिए अनुरोध
30 पेंशन जीवन प्रमाणपत्र
31 उपयोगिता बिल का भुगतान (भारत बिल पेमेंट सिस्टम)
32 शिकायतों को लांच और ट्रैक करना
33 खुदरा परिसंपति के उत्पादो के लिए लीड जनरेशन, नामतः गृह ऋण, वाहन ऋण, निजी ऋण, गोल्ड लोन, मुद्रा लोन, किसान क्रेडिट कार्ड इत्यादि
34 सूक्ष्मवित्त और एसएचजी लोन के लिए लीड *
35 थर्ड पार्टी प्रॉडक्ट के लिए लीड जनरेशन नामतः सूक्ष्म बीमा, निवेश (म्यूचुअल फंड), क्रेडिट कार्ड इत्यादि *
36 चालू खाता खोलने के लिए लीड जनरेशन *

* उन सेवाओं को दर्शाता है जिन्हें प्रारंभ में गैर-अचल बिन्दु ऑपरेटरों द्वारा प्रस्तुत किया जा सकता है और एक समयावधि में बैंकों को सेवाओं के समूह को विस्तारित करने के लिए प्रोत्साहित करता है|

परिशिष्ट I
(प्रस्तावित प्रारूप)

(बैंक के लेटरहेड पर जमा किया जाए)

मुख्य महाप्रबंधक/ महाप्रबंधक/ प्रभारी अधिकारी
नाबार्ड
_______________क्षेत्रीय कार्यालय
___________________.

महोदया/ महोदय,

पूर्वोत्तर राज्यों में कार्यरत बैंकों के ग्राहक सेवा केन्द्रों (सीएसपी)/ बिज़नेस कॉरेस्पोंडेंट (बीसी) के लिए प्रोत्साहन योजना

कृपया दिनांक 11 अगस्त 2023 के अपने परिपत्र सं.171/डीएफ़आईबीटी-04/2023 का संदर्भ ग्रहण करें | इस संबंध में, हम आपको यह सूचित करते हैं कि प्रस्तुत की गई विवरणी (परिशिष्ट I-अ) के अनुसार हमारे बैंक ने ग्राहक सेवा केन्द्रों/ बिज़नेस कोर्रेस्पोंडेंट/ ऑपरेटरों को जिलों में पहले ही तैनात कर दिया है/ तैनात करने का प्रस्ताव रखता है|

  • 1. हम दावा हेतु आवेदन प्रस्तुत करने के समय ग्राहक सेवा केन्द्रों/ बिज़नेस कोर्रेस्पोंडेंट/ ऑपरेटरों की विस्तृत स्थल-वार रिपोर्ट को नाबार्ड द्वारा निर्धारित एमआईएस के अनुसार जमा करने का वचन देते हैं|
  • 2. हम उन ग्राहक सेवा केन्द्रों/ बिज़नेस कोर्रेस्पोंडेंट/ ऑपरेटरों, जिनके लिए दावा प्रस्तुत किया जा रहा है, के कार्य-निष्पादन का तिमाही/ छमाही आधार पर अनुप्रवर्तन करेंगे|
  • 3. हम योजना के तहत सहायता प्राप्त करने वाले सभी ऑपरेटरों की विवरणी को जन धन दर्शक पोर्टल पर या डीएफ़एस/ आईबीए/ आरबीआई/ नाबार्ड द्वारा नियंत्रित ऐसे किसी भी पोर्टल पर अपलोड करने का वचन देते हैं|
  • 4. हम आपके प्रसंगाधीन परिपत्र में दिए गए नियमों और शर्तों, तथा समय समय पर नाबार्ड द्वारा जारी किए जाने वाले नियमों और शर्तों के लिए अपनी सहमति देने का वचन देते हैं|
  • 5. हम उक्त सूचित किए गए, और आपके प्रसंगाधीन परिपत्र में दिए गए मानदंडों के अनुसार आपसे वित्तीय वर्ष _____________ के लिए उत्तरपूर्वी राज्यों में कार्यरत बैंकों के _________ सीएसपी/ बीसी/ ऑपरेटरों के संबंध में प्रोत्साहन के संवितरण की ओर एफ़आईएफ़ से सहायता का दावा करने के लिए मूल अनुमोदन प्रदान करने का अनुरोध करते हैं|

भवदीय

(अध्यक्ष/ प्रबंध निदेशक/ अंचल प्रमुख/ महाप्रबंधक के हस्ताक्षर)
मुहर

परिशिष्ट I-अ

बैंक द्वारा पहले से ही रखे गए/ रखने हेतु प्रस्तावित सीएसपी/ बीसी/ प्रचालक
(प्रस्ताव के साथ बैंकों द्वारा जमा किया जाना है)

क्रम. सं. राज्य जिला गाँव बैंक सीएसपी/ बीसी (ऑपरेटरों) की संख्या प्रति सीएसपी/ बीसी प्रति माह के लिए प्रोत्साहन पात्रता (Rs) @ प्रति वर्ष मांगी गई राशि मंजूरी (Rs)
1






2






3






4






5






@ दावे श्रेणीकृत वास्तविक उपलब्धि पर आधारित होंगे

मुहर सहित हस्ताक्षर

आंकड़ों को एमएस एक्सेल के प्रारूप में भी जमा किया जाए |

परिशिष्ट - II
(दावा/ प्रतिपूर्ति प्रारूप)

(बैंक के लेटरहेड पर जमा किया जाए)

मुख्य महाप्रबंधक/ महाप्रबंधक/ प्रभारी अधिकारी
नाबार्ड
_____________क्षेत्रीय कार्यालय

महोदया/ महोदय

पूर्वोत्तर राज्यों में कार्यरत बैंकों के ग्राहक सेवा केन्द्रों (सीएसपी)/ बिज़नेस कॉरेस्पोंडेंट (बीसी) के लिए प्रोत्साहन योजना की प्रतिपूर्ति का दावा

कृपया दिनांक _____________________ के अपने पत्र सं. _________ का संदर्भ लें, जो पूर्वोत्तर राज्यों में कार्यरत बैंकों के ग्राहक सेवा केन्द्रों (सीएसपी)/ बिज़नेस कॉरेस्पोंडेंट (बीसी) के लिए प्रोत्साहन योजना के तहत भुगतान किए गए प्रोत्साहन की प्रतिपूर्ति की ओर _________ सीएसपी/ बीसी/ ऑपरेटरों को एफ़आईएफ़ से सहायता का दावा करने के लिए अनुमोदन प्रदान करता है |

हम नीचे दी गई तालिका में वित्तीय वर्ष _____________ के दौरान सीएसपी/ बीसी/ ऑपरेटरों को हमारे द्वारा किए गए प्रोत्साहन के भुगतान की जानकारी प्रस्तुत करते हैं, तथा आपसे नीचे प्रस्तुत की गई विवरणी के अनुसार Rs ________________________ (_________________________________________ रुपए) की राशि की प्रतिपूर्ति करने का अनुरोध करते हैं|

क्रम. सं. विवरण ब्यौरा
i नाबार्ड की योजना के तहत प्रतिपूर्ति के लिए मंजूर किए गए सीएसपी/ बीसी/ ऑपरेटरों की संख्या
ii सीएसपी/ बीसी/ ऑपरेटरों को भुगतान किए गए प्रोत्साहन का विवरण Rs ________
iii नाबार्ड से मांगी गई प्रतिपूर्ति की राशि Rs ________

2. यह प्रमाणित किया जाता है कि सीएसपी/ बीसी/ ऑपरेटरों की सेवाओं का उन्हें सौंपे गए क्षेत्रों/ गांवों के लोगों के लिए बैंकिंग सुविधाएं प्रदान करने हेतु संपूर्ण रूप से उपयोग किया जा रहा है|

3. यह प्रमाणित किया जाता है कि ऊपर दी गई तालिका के क्रम. सं. (ii) के अनुसार Rs _______________ (_________________________________________ रुपए) की राशि का भुगतान योजना के तहत सीएसपी/ बीसी/ ऑपरेटरों को दिए जाने वाले प्रोत्साहन की ओर वास्तविक रूप में किया गया है|

4. यह प्रमाणित किया जाता है कि जिन सीएसपी/ बीसी/ ऑपरेटरों के लिए प्रतिपूर्ति की मांग की गई है, उन सभी की जानकारी को जन धन दर्शक पोर्टल या डीएफ़एस/ आईबीए/ आरबीआई/ नाबार्ड द्वारा नियंत्रित ऐसे किसी भी पोर्टल पर अपलोड किया गया है|

5. यह प्रमाणित किया जाता है कि मौजूदा दावे के तहत किसी अन्य एजेंसी/ संगठन से सहायता का कोई दावा नहीं किया गया है|

6. यह प्रमाणित किया जाता है कि प्रचालक के पदस्थापना के पश्चात ऋण प्रवाह में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है|

भवदीय
हस्ताक्षर

(अध्यक्ष/ प्रबंध निदेशक/ अंचल प्रमुख/ महाप्रबंधक)