नाबार्ड ने बदलते आर्थिक परिवेश के मद्देनजर, बैंक के लिए व्यवसाय की नई संभावनाओं को विकसित करने के उद्देश्य से वर्ष 2010 में रिपोजीशनिंग पहल के तहत कई कदम उठाए । परिणामस्वरूप, देश के ग्रामीण क्षेत्र में आधारभूत ढांचे के विकास और आर्थिक परिवेश को बढ़ाने के लिए आवश्यक नये व्यावसायिक क्षेत्रों को प्रत्यक्ष ऋण देने के लिए, एक नये विभाग व्यवसाय पहल विभाग (बीआईडी) का गठन किया गया । विभाग का नाम अब 07 अप्रैल 2025 से 'परियोजना वित्त विभाग' के रूप में बदल दिया गया है।
परियोजना वित्त विभाग के व्यावसायिक उत्पाद
नाबार्ड आधारभूत संरचना विकास सहायता (नीडा)
नीडा ग्रामीण आधारभूत संरचना के वित्तपोषण के लिए सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की सुप्रबंधित संस्थाओं को दीर्घावधि अनुकूल ऋण प्रदान करता है. कृषि आधारभूत संरचना, ग्रामीण संपर्क, नवीकरणीय ऊर्जा, बिजली पारेषण, ग्रामीण पर्यटन, पेयजल और स्वच्छता तथा अन्य सामाजिक और वाणिज्यिक आधारभूत संरचना संबंधी परियोजनाओं को नीडा के अंतर्गत वित्तपोषित किया जाता है.
निम्नलिखित संस्थाएँ नीडा के तहत वित्तपोषण हेतु पात्र हैं :-
- क. राज्य सरकार
- ख. केंद्र/ राज्य सरकार की कंपनियाँ, निगम, संस्थाएँ
- ग. सहकारी समितियाँ/ संघ
-
घ. स्थानीय निकाय
-
ङ. निजी कंपनियाँ
-
च. योजना दिशानिर्देशों के तहत पात्र बनाई गई कोई अन्य एजेंसी/ संस्था या संस्थाओं की श्रेणी
उपलब्धि :
दिनांक 31 अगस्त 2025 की स्थिति के अनुसार, नीडा के अंतर्गत संचयी मंजूर और संवितरित राशि (वर्ष 2010 से) क्रमशः ₹ 1,17,440.06 करोड़ और ₹ 59,347.48 करोड़ है.
विगत पाँच वित्तीय वर्षों और वर्तमान वित्तीय वर्ष के दौरान प्रगति
(रु करोड़)
वर्ष |
स्वीकृति |
वितरण |
2020-21 |
22767.75 |
7506.08 |
2021-22 |
8125.27 |
7136.26 |
2022-23 |
3581.71 |
6329.48 |
2023-24 |
9934.40 |
7303.96 |
2024-25 |
26266.31 |
11868.15 |
2025-26 (अगस्त 2025) |
11,808.04 |
3,909.51 |
प्रभाव
नीडा के तहत अब तक स्वीकृत 180 परियोजनाओं द्वारा निम्नलिखित स्पष्ट प्रभाव उत्पन्न किया गया है/ उत्पन्न किया जाएगा:
(रु करोड़)
क्र.सं. |
क्षेत्र |
प्रभाव |
1 |
पेयजल की आपूर्ति |
3.6 करोड़ ग्रामीण आबादी और 31,722 बस्तियाँ लाभान्वित |
2 |
ग्रामीण शिक्षा |
8 मेडिकल कॉलेज, 3 इंजीनियरिंग कॉलेज, 15 सरकारी मॉडल कॉलेज, 1,500 स्कूल और 1 एजुकेशन हब |
3 |
ग्रामीण संपर्क |
37,080 किमी सड़कें, 4694.8 किमी पुल, 8.5 किमी हवाई रोपवे |
4 |
विद्युत पारेषण |
16 राज्यों और 1 संघ राज्य क्षेत्र में 71 परियोजनाएँ (आधारभूत संरचना का आधुनिकीकरण) |
5 |
नवीकरणीय ऊर्जा |
1085 मेगावाट बिजली उत्पादन क्षमता |
6 |
सूक्ष्म सिंचाई |
1.4 लाख हेक्टेयर कवर |
7 |
सिंचाई |
78.45 लाख हेक्टेयर कवर |
8 |
संचार |
नेट-कनेक्टेड • 30,000+ सरकारी कार्यालय • 20 लाख घरों तक (निःशुल्क) |
9 |
स्वच्छता |
लिंक्ड सीवर लाइनों के साथ एसटीपी (15 एमएलपीडी) |
10 |
भंडारागार और शीत भंडारण तथा बाजार आधारभूत संरचना |
23.35 लाख मीट्रिक टन क्षमता |
फेडरेशन को ऋण सुविधा (सीएफ़एफ़)
कृषि वस्तुओं की खरीद और विपणन तथा उर्वरक, कीटनाशक आदि कृषि इनपुट की आपूर्ति से जुड़े राज्य / सहकारी विपणन संघों और निगमों को अल्पावधि ऋण सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से सीएफ़एफ़ की शुरूआत की गई ।
सीएफ़एफ़ के तहत कृषि एवं संबद्ध वस्तुओं की खरीद, दूध की खरीद, कृषि इनपुट की आपूर्ति, आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन, मूल्य संवर्धन आदि के लिए ऋण दिया जाता है ।
पात्र संस्थाएँ
- राज्य/ केंद्रीय सरकारी कृषि विपणन महासंघ एवं निगम
- डेयरी सहकारी/ महासंघ
- कृषि विपणन सहकारी/ महासंघ
- पंजीकृत कंपनियाँ
उपलब्धि :
31 अगस्त 2025 की स्थिति के अनुसार, सीएफएफ के तहत संचयी स्वीकृत एवं कुल संवितरण क्रमश: ₹3,20,521.87 करोड़ और ₹391,917.59 करोड़ है ।
विगत 5 वित्तीय वर्षों और चालू वित्तीय वर्ष के दौरान प्रगति
(रु करोड़)
वर्ष |
स्वीकृति |
वितरण |
2020-21 |
40160.00 |
47852.62 |
2021-22 |
36435.80 |
46434.31 |
2022-23 |
40606.75 |
31437.21 |
2023-24 |
38700.00 |
39240.23 |
2024-25 |
51950.00 |
65990.74 |
2025-26 (अगस्त 2025) |
17,100.00 |
35,466.00 |
डेयरी प्रसंस्करण और आधारभूत संरचना विकास निधि (डीआईडीएफ़)/ पशुपालन आधारभूत संरचना विकास निधि (एएचआईडीएफ)
केंद्रीय बजट 2017-18 की घोषणानुसार, नाबार्ड में डेयरी प्रसंस्करण और आधारभूत संरचना विकास निधि (डीआईडीएफ़) की स्थापना की रु.8004 करोड़ की कुल राशि के साथ राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) में 5 वर्षों की अवधि अर्थात 2018-19 से 2022-23 तक के लिए की गई थी. इस योजना का प्राथमिक उद्देश्य दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्रों और मशीनरी का आधुनिकीकरण करना तथा अधिक दुग्ध प्रसंस्करण हेतु अतिरिक्त आधारभूत संरचना का निर्माण करना और विशेष रूप से सहकारी क्षेत्र में मूल्य संवर्धन को बढ़ाना था.
भारत सरकार की आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने दिनांक 01 फरवरी 2024 को आयोजित अपनी बैठक में डीआईडीएफ़ के एएचआईडीएफ़ (पशुपालन आधारभूत संरचना विकास निधि) के साथ विलय और एएचआईडीएफ़ को अगले तीन वर्षों हेतु अर्थात् 31 मार्च 2026 तक बढ़ाने को मंजूरी दे दी है.
पशुपालन और डेयरी विभाग (डीएएचडी) द्वारा वर्ष 2020-21 से 2022-23 तक बैंकों द्वारा रु.15,000 करोड़ के लक्षित ऋण के साथ एक विशेष निधि, नामतः पशुपालन आधारभूत संरचना विकास निधि (एएचआईडीएफ़) शुरू की गई थी. इसके अतिरिक्त, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पशुपालन आधारभूत संरचना विकास निधि (एएचआईडीएफ़) को जारी रखने हेतु अनुमोदन प्रदान किया, जिसे आधारभूत संरचना विकास निधि (आईडीएफ़) के तहत रु.29,110.25 करोड़ की लागत के साथ वर्ष 2025-26 तक तीन वर्षों के लिए लागू किया जाएगा. इस योजना का उद्देश्य सभी पात्र संस्थाओं के लिए 3% ब्याज सहायता की सुविधा के साथ व्यक्तिगत उद्यमियों, निजी कंपनियों, एमएसएमई, एफ़पीओ, धारा 8 की कंपनियों और डेयरी सहकारी समितियों द्वारा निवेश को प्रोत्साहित करना है ताकि (i) डेयरी प्रसंस्करण और मूल्य संवर्धन आधारभूत संरचना, (ii) मांस प्रसंस्करण और मूल्य संवर्धन आधारभूत संरचना (iii) पशु आहार संयंत्र (iv) नस्ल सुधार प्रौद्योगिकी और गुणन फार्म (v) पशु चिकित्सा वैक्सीन और दवाओं के निर्माण की सुविधाएँ तथा (vi) पशु अपशिष्ट से धन प्रबंधन (कृषि अपशिष्ट प्रबंधन) की स्थापना की जा सके. डीएएचडी द्वारा जारी योजना के लिए परिचालन दिशानिर्देश सभी बैंकों, नाबार्ड, एनडीडीबी और एनसीडीसी के साथ साझा किए गए हैं.
विस्तारित एएचआईडीएफ योजना के तहत, नाबार्ड को ऋणदात्री संस्थाओं में एक रूप में शामिल किया गया है और तदनुसार, नाबार्ड ने दुग्ध उत्पादक कंपनियों सहित डेयरी सहकारी समितियों को ऋण देने के लिए योजना को संस्थागत रूप दिया गया है. नाबार्ड, क्षेत्रीय कार्यालयों के माध्यम से एएचआईडीएफ योजना को लोकप्रिय बना रहा है.
उपलब्धि
डीआईडीएफ़ / एएचआईडीएफ़ योजना की परिचालन अवधि के दौरान, 33 परियोजनाओं को ₹3190.68 करोड़ की संचयी ऋण राशि के साथ मंजूरी दी गई थी तथा संचयी संवितरण ₹2310.01 करोड़ किया गया था (31 अगस्त 2025 की स्थिति तक).
डीआईडीएफ़ योजना की वर्ष-वार प्रगति
(रु करोड़)
वर्ष |
स्वीकृति |
वितरण |
2018-19 |
1216.81 |
440.00 |
2019-20 |
351.24 |
670.00 |
2020-21 |
1083.55 |
120.70 |
2021-22 |
364.01 |
118.66 |
2022-23 |
0.00 |
735.26 |
2023 -24 |
0.00 |
176.31 |
2024-25 |
0.00 |
49.08 |
2025-26 (अगस्त 2025) |
175.08 |
0.00 |
मत्स्यपालन और जलचर पालन आधारभूत संरचना विकास निधि (एफआईडीएफ)
भारत सरकार ने केंद्रीय बजट 2018-19 में मत्स्यपालन क्षेत्र हेतु आधारभूत संरचना की आवश्यकताओं की ओर ध्यान देने के लिए 5 वर्ष की अवधि अर्थात वर्ष 2018-19 से 2022-23 तक के लिए रु.7,522.48 करोड़ की कुल राशि के साथ मत्स्यपालन और जलचर पालन आधारभूत संरचना विकास निधि (एफआईडीएफ) की स्थापना की घोषणा की गई थी.
इस योजना को अब रु.7522.48 करोड़ की पहले से मंजूर निधि के अंतर्गत दिनांक 01.04.2023 से 31.03.2026 तक 3 वर्षों की अवधि के लिए बढ़ा दिया गया है.
ब्याज सहायता और ऋण ब्याज दर
एफआईडीएफ के तहत, सरकार, राज्य/ संघ राज्य क्षेत्र सरकारों, सहकारी समितियों और निजी उद्यमियों को नोडल ऋण संस्थाओं (एनएलई) द्वारा रियायती वित्त प्रदान करने के लिए 3% प्रति वर्ष तक की ब्याज सहायता प्रदान करती है, जिसकी ब्याज दर 5% प्रति वर्ष से कम न हो और पुनर्भुगतान की अवधि अधिकतम 12 वर्ष हो जिसमें मूलधन के पुनर्भुगतान पर 2 (दो) वर्ष का अधिस्थगन भी शामिल है.
नोडल ऋण संस्थाएँ (एनएलई)
1. राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड)
2. राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी)
3. सभी अनुसूचित बैंक
नोडल कार्यान्वयन एजेंसी (एनआईए)
योजना के तहत एनआईए राष्ट्रीय मात्स्यिकी विकास बोर्ड (एनएफडीबी) है. पात्र संस्थाएँ अपने प्रस्ताव.Click Here पर ऑनलाइन प्रस्तुत कर सकते हैं.
मत्स्यपालन और जलचर पालन आधारभूत संरचना विकास निधि- क्रेडिट गारंटी योजना (एफ़आईडीएफ़-सीजीएस)
सरकार ने पशुपालन और डेयरी विभाग की आधारभूत संरचना विकास निधि की मौजूदा क्रेडिट गारंटी निधि से उद्यमियों, व्यक्तिगत किसानों और सहकारी समितियों की परियोजनाओं को क्रेडिट गारंटी सुविधा प्रदान करने के लिए भी अनुमोदन किया है. एफआईडीएफ के लिए यह क्रेडिट गारंटी योजना मेसर्स नैबसंरक्षण ट्रस्टी प्राइवेट लिमिटेड द्वारा प्रबंधित की जाती है और रु.12.50 करोड़ की अधिकतम सीमा के साथ क्रेडिट सुविधा का 25% क्रेडिट गारंटी कवर प्रदान करती है.
कृपया अधिक जानकारी के लिए- | Department of Fisheries, GoI देखें.
उपलब्धि
दिनांक 31 अगस्त 2025 की स्थिति के अनुसार, नाबार्ड ने 86 परियोजनाओं के लिए 8 राज्य सरकारों (तमिलनाडु -64, महाराष्ट्र -5, गुजरात -4, पश्चिम बंगाल -7, आंध्र प्रदेश -3, गोवा -1, हिमाचल प्रदेश-1 और केरल -1) को संचयी रूप से ₹ 3268.18 करोड़ का मीयादी ऋण मंजूर किया है.
अभी तक, 6 राज्यों अर्थात तमिलनाडु, गुजरात, पश्चिम बंगाल, गोवा, हिमाचल प्रदेश और केरल को संचयी रूप से ₹ 1343.03 करोड़ की राशि संवितरित की गई है.
विगत छह वित्तीय वर्षों के दौरान हुई प्रगति इस प्रकार है: -
(रु करोड़)
वर्ष |
स्वीकृति |
वितरण |
2019-20 |
348.00 |
0.00 |
2020-21 |
0.00 |
193.77 |
2021-22 |
912.28 |
171.93 |
2022-23 |
1987.99 |
225.67 |
2023-24 |
0.00 |
289.21 |
2024-25 |
19.91 |
442.55 |
2025-26 (अगस्त 2025) |
0.00 |
19.90 |
राज्य सरकारों को ग्रामीण आधारभूत संरचना सहायता (आरआईएएस)
नाबार्ड द्वारा राज्य सरकारों को ग्रामीण आधारभूत संरचना सहायता (आरआईएएस) की शुरुआत की गई है जिससे राज्य सरकारों द्वारा विशेष रूप से पूर्वी और पूर्वोत्तर राज्यों और आकांक्षी और सीमावर्ती जिलों में दीर्घावधि आधारभूत संरचना के निर्माण का वित्तपोषण किया जा सके. आरआईएएस पुनर्भुगतान आवृत्ति, अधिस्थगन और ऋण अवधि के संदर्भ में राज्य सरकारों को आवश्यक लचीलापन प्रदान करता है. इसके अतिरिक्त, आरआईएएस के अंतर्गत वित्तीय सहायता कार्यक्रम पद्धति के तहत भी प्राप्त की जा सकती है जिससे राज्यों को एक ही कार्यक्रम के अंतर्गत विविध परियोजनाओं को एकीकृत करने की अनुमति मिलती है ताकि अधिक सामाजिक-आर्थिक प्रभाव उत्पन्न किया जा सके.
वित्तीय वर्ष 2024-25 में, नाबार्ड ने छत्तीसगढ़, केरल और राजस्थान के राज्य सरकारों को सिंचाई, किफायती आवास, कृषि और जलवायु संधारणीयता जैसे विभिन्न क्षेत्रों को शामिल करने वाली परियोजनाओं/ कार्यक्रमों के लिए मीयादी ऋणों को मंजूर किया.
दिनांक 31 अगस्त 2025 की स्थिति के अनुसार, आरआईएएस के तहत संचयी मंजूरी तथा संवितरण क्रमश: ₹4252.47 करोड़ और ₹ 65.16 करोड़ है.
विगत दो वित्तीय वर्षों और वर्तमान वित्तीय वर्ष के दौरान हुई प्रगति नीचे दी गई है:
(रु करोड़)
वर्ष |
स्वीकृति |
वितरण |
2022-23 |
1065.00 |
0.00 |
2023-24 |
0.00 |
0.00 |
2024-25 |
3187.47 |
65.16 |
2025-26 (अगस्त 2025) |
0.00 |
0.00 |
संपर्क सूत्र:
डॉ. के. इंकारसल
मुख्य महाप्रबंधक
दूसरी मंजिल, 'ए' विंग
सी-24, 'जी' ब्लॉक, बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स, बांद्रा (पूर्व)
मुंबई 400 051
टेली : (91) 022 68120018
ई-मेल : pfd@nabard.org
आरटीआई - धारा 4 (1) (बी) के अंतर्गत जानकारी