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सहायक संस्थाएं और युक्तिक निवेश विभाग

सहायक संस्थाएँ और युक्तिक निवेश विभाग (डीएसएसआई) का गठन 4 अगस्त 2014 को इस उद्देश्य से किया गया कि सहायक संस्थाओं, कंपनियों में रणनीतिक निवेश और वैकल्पिक निवेश निधियों (एआईएफ) में निवेश के प्रबंधन पर विशेष रूप से ध्यान केन्द्रित किया जा सके.

मूल कार्य

1. सहायक संस्थाएँ

  • क) सहायक संस्थाओं पर निगरानी बनाए रखना और संगठनात्मक लक्ष्यों के अनुरूप रणनीतिक योजना बनाने में सहायता करना.
  • ख) व्यावसायिक विकास और विनियामक आवश्यकताओं के लिए संस्थानों को पर्याप्त रूप से पूंजीकृत रखना.
  • ग) नाबार्ड के विभागों और सहायक संस्थाओं के बीच अंतर-संपर्क को सुगम बनाना तथा बेहतर सहयोग एवं दक्षता के लिए तालमेल स्थापित करना.

2. युक्तिक निवेश

  • क) नाबार्ड के अधिदेश को आगे बढ़ाने के अनुरूप संस्थाओं में रणनीतिक निवेश करना.
  • ख) पारिस्थितिकी तंत्र के लाभ के लिए राज्य सरकारों के विशेष प्रयोजन वाहन (एसपीवी) में संरेखित और निवेश करना.
  • ग) संस्था में निवेश के रणनीतिक उद्देश्य को निरंतर पूरा करने के इरादे से संस्थाओं के बोर्ड में नामित निदेशक की नियुक्ति करना.
  • घ) निवेशित कंपनियों के साथ सहयोग करना और पारिस्थितिकी तंत्र के विकास के लिए तालमेल स्थापित करना.
  • ङ) रणनीतिक निवेश के लिए नीति तैयार करना.

3. वैकल्पिक निवेश निधियाँ

  • क) उद्योग को अवसरों की तलाश करने के लिए प्रेरित करने तथा अधिदेशित क्षेत्रों और नवोन्मेषी विचारों को सहयोग प्रदान करने वाले कृषि उद्यमियों या उद्यमों की सहायता करने के उद्देश्य से श्रेणी I और II के सेबी-पंजीकृत एआईएफ़ में निवेश करना.
  • ख) पोर्टफोलियो और उद्योग में विकास के बारे में बोर्ड/ कार्यपालक समिति (ईसी) को अवगत कराना.
  • ग) एआईएफ़ में निवेश के लिए नीति तैयार करना.

नाबार्ड की सहायक संस्थाओं में निवेश

नाबार्ड ने अपने कार्य को आगे बढ़ाने के लिए सात सहायक संस्थाओं की स्थापना की है. ये सहायक संस्थाएँ ग्रामीण एमएसएमई, एफ़पीओ, एसएचजी और जेएलजी को वित्तपोषित करने, सूक्ष्म-ऋण सुविधा, ऋण गारंटी प्रदान करने, ग्रामीण स्टार्ट-अप में निवेश करने तथा कृषि के सभी क्षेत्रों में परामर्श प्रदान करने, ग्रामीण विकास और संबद्ध क्षेत्रों में नवोन्मेष करने के माध्यम से नाबार्ड के उद्देश्यों का सहयोग करने और ग्रामीण और कृषि विकास में प्रभाव बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान देती हैं.

30 सितंबर 2025 तक सात सहायक संस्थाओं की शेयर पूँजी में कुल निवेश ₹649.63 करोड़ था.

नाबार्ड की सहायक संस्थाओं में शेयरधारिता (₹ करोड़ में)
सहायक संस्था का नाम स्थापना का वर्ष शेयर पूंजी नाबार्ड की शेयरधारिता (%) नाबार्ड द्वारा निवेश
नाबार्ड कंसल्टेंसी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड 2003 25.00 100 25.00
नैबफिन्स लिमिटेड 1997 161.66 63.10 102.01
नैबकिसान फाइनेंस लिमिटेड * 1997 171.48 87.77 227.57
नैबसमृद्धि फाइनेंस लिमिटेड * 1997 123.82 91.09 145.06*
नैबवेंचर्स लिमिटेड 2018 50.00 100 50.00
नैबफ़ाउंडेशन 2019 50.00 100 50.00
नैबसंरक्षण ट्रस्टी प्राइवेट लिमिटेड 2020 50.00 100 50.00

नोट:* प्रीमियम सहित

युक्तिक निवेश और आय

नाबार्ड ने कृषि और ग्रामीण विकास क्षेत्रों में शामिल कंपनियों की इक्विटी में रणनीतिक रूप से निवेश किया है. इन निवेशों का उद्देश्य उन संस्थाओं को सहायता प्रदान करना है जो कृषि और ग्रामीण विकास में योगदान देते हैं, चाहे प्रत्यक्ष सहयोग के माध्यम से या अप्रत्यक्ष रूप से कृषि संबंधी जोखिमों का शमन करने, बाजार तक पहुँच को सुविधाजनक बनाने, आवश्यक डिजिटल सेवाएँ प्रदान करने, कौशल उन्नयन करने और विशेष संस्थागत तंत्रों के माध्यम से ऋण पहुँच में सुधार करने के माध्यम से.

30 सितंबर 2025 तक नाबार्ड ने कृषि और ग्रामीण विकास क्षेत्र में कार्यरत 15 कंपनियों में ₹1,501.27 करोड़ का निवेश किया था.

क्रम. सं. कंपनी का नाम निवेश का वर्ष नाबार्ड का निवेश (₹ करोड़) हिस्सेदारी (%)
1एएफ़सी इंडिया लिमिटेडवित्तीय वर्ष 20001.006.67
2भारतीय कृषि बीमा कंपनी लिमिटेड (एआईसीआईएल)वित्तीय वर्ष 200460.0030.00
3भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी)*वित्तीय वर्ष 2003 & 2018966.289.36
4नैशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव एक्स्चेंज लिमिटेड (एनसीडीईएक्स)*वित्तीय वर्ष 200416.8811.10
5मल्टी कमोडिटी एक्स्चेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड (एमसीएक्स)वित्तीय वर्ष 20060.300.74
6सीएससी ई गवर्नेंस सर्विसेज इंडिया लिमिटेड (सीईजीएसआईएल)*वित्तीय वर्ष 20169.759.44
7नैशनल ई-गवर्नेंस सर्विसेज लिमिटेड (एनईएसएल)वित्तीय वर्ष 20171.502.00
8भारतीय कृषि कौशल परिषद (एएससीआई)वित्तीय वर्ष 20170.0044.00
9नैशनल ई-रिपोजिटरी लिमिटेड (एनईआरएल)वित्तीय वर्ष 201810.5313.00
10ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ओएनडीसी)वित्तीय वर्ष 2022 & 202440.004.90
11ऑनलाइन पीएसबी लोन्स लिमिटेड (ओपीएल)वित्तीय वर्ष 202556.87.30
1224x7 मनीवर्क्स कंसल्टिंग प्राइवेट लिमिटेडवित्तीय वर्ष 20253.803.80
13सहकार टैक्सी कोऑपरेटिव लिमिटेडवित्तीय वर्ष 20261.1012.50
14फेरबिने प्राइवेट लिमिटेडवित्तीय वर्ष 20220.00510.00
15सहकार सारथी प्राइवेट लिमिटेडवित्तीय वर्ष 2026333.3350.00
कुल 1501.27

नोट: * प्रीमियम सहित

वैकल्पिक निवेश निधियों में निवेश

नाबार्ड कृषि और ग्रामीण विकास के लिए मौजूदा या नई गतिविधियों में उद्यमशीलता को प्रोत्साहित करने, ग्रामीण निवासियों द्वारा अनुकरण के लिए आय सृजित करने वाली स्थायी इकाइयों के विकास को सुविधाजनक बनाने तथा कृषि और ग्रामीण क्षेत्रों में प्रौद्योगिकीय नवोन्मेषों और प्रौद्योगिकी प्रसार को बढ़ावा देने के लिए सेबी-पंजीकृत वैकल्पिक निवेश निधि में योगदान दे रहा है. 30 सितंबर 2025 तक, नाबार्ड द्वारा कुल प्रतिबद्धता 37 में ₹1069.02 करोड़ थी.

नाबार्ड सेबी (एआईएफ़) विनियम, 2012 के तहत पंजीकृत श्रेणी I और श्रेणी II वैकल्पिक निवेश निधि श्रेणी में क्षेत्र विशिष्ट और सेक्टर अज्ञेय निधियों में निवेश करता है. यह योगदान डेट फंडों में भी किया गया है.

नाबार्ड ने कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के साथ मिलकर कृषि और ग्रामीण स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र में नवोन्मेष, प्रौद्योगिकी संचालित, उच्च जोखिम, उच्च प्रभाव वाली गतिविधियों का समर्थन करने के लिए एग्रीश्योर फंड की स्थापना को प्रायोजित किया है. इस निधि का प्रबंधन नाबार्ड के पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी के रूप में नैबवेंचर्स लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है.

संपर्क सूचना

आर पी सिंह
मुख्य महाप्रबंधक
सहायक संस्थाएँ और युक्तिक निवेश विभाग (डीएसएसआई)
नाबार्ड, प्रधान कार्यालय
दूसरी मंजिल, ‘ए’ विंग
प्लॉट: सी-24, 'जी' ब्लॉक
बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स, बांद्रा (पूर्व)
मुंबई - 400 051
दूरभाष: 022-68120025
ईमेल पता: dssi@nabard.org

आरटीआई के अंतर्गत सूचना – धारा 4(1)(बी)

नाबार्ड प्रधान कार्यालय