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हमारा प्रयास विशिष्ट लक्ष्योन्मुखी विभागों, जिन्हें मोटे तौर पर तीन श्रेणियों में वर्गीकृत किया जा सकता है : वित्तीय, विकासात्मक तथा पर्यवेक्षण; के माध्यम से एक सशक्त और आर्थिक रूप से समावेशी ग्रामीण भारत का निर्माण करना है, जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लगभग हर पहलू को स्पर्श करता है. ग्रामीण बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए पुनर्वित्त सहायता से लेकर, जिला स्तर पर ऋण योजना तैयार करने से लेकर इन लक्ष्यों को प्राप्त करने में बैंकिंग उद्योग का मार्गदर्शन और उन्हें प्रेरित करना, सहकारी बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) के पर्यवेक्षण से लेकर उनमें स्वस्थ बैंकिंग प्रथाओं को विकसित करने में मदद करने और उन्हें सीबीएस प्लेटफॉर्म पर ले जाने तक, नई विकास योजनाओं को डिजाइन करने से लेकर भारत सरकार की विकास योजनाओं का कार्यान्वयन, हस्तशिल्प कारीगरों को प्रशिक्षण देने से लेकर उनकी बिक्री हेतु एक मंच प्रदान करने इत्यादि जैसी सेवाएँ हम देश भर में ग्रामीण क्षेत्रों से जुड़े लाखों लोगों को प्रदान करते हैं.