विभाग वित्तीय समावेशन निधि (एफआईएफ) का उपयोग करते हुए, वितीय समावेशन पर गठित समिति की रिपोर्ट में वर्णित संरचना और दायरे के अनुसार वित्तीय सेवाओं से वंचित आबादी को वित्तीय समावेशन के दायरे में लाने के उद्देश्य के साथ अपनी गतिविधियों का तालमेल बिठाता है| प्रमुख गतिविधियाँ हैं वित्तीय साक्षरता, ज्ञान के प्रसार, आधारभूत संरचना के निर्माण, बैंकों द्वारा प्रौद्योगिकी के अंगीकरण के लिए योजनाएँ तैयार करना और नीतिगत पक्षपोषण करना|
नाबार्ड ने वित्तीय सेवाओं, विशेष रूप से डिजिटल प्लेटफॉर्म पर दी जा रही वित्तीय सेवाओं की माँग बढ़ाने में वित्तीय साक्षरता के महत्व को ध्यान में रखते हुए वित्तीय साक्षरता के प्रयासों में सहायता दी है| इसके अतिरिक्त वित्तीय पारिस्थितिकी के आपूर्ति पक्ष को ध्यान में रखते हुए नाबार्ड ने डिजिटल प्लेटफॉर्म पर ऑन-बोर्डिंग के लिए, कनेक्टिविटी में सुधार के लिए और विनियामकीय अपेक्षाओं के पालन के लिए भी सहायता उपलब्ध कराई है|
नाबार्ड ने 2019-20 से संकेंद्रित एफआईएफ सहयोगों के लिए एक विभेदीकृत रणनीति अपनाई है जो अभी भी क्षेत्रीय अपर्याप्तताओं का समाधान करने और पूरे देश में समावेशी तथा समतामूलक वित्तीय समावेशन हासिल करने में सहायक है| इस रणनीति के अंतर्गत विशेष फोकस वाले जिलों में, जिनमें आकांक्षी जिले, वामपंथी अतिवाद से प्रभावित जिले, ऋण की कमी वाले जिले, भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा चिह्नित जिले, पर्वतीय राज्यों तथा पूर्वोत्तर क्षेत्र के जिले, और साथ ही अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह के जिले शामिल हैं, 90% की बढ़ी हुई दर पर अनुदान सहायता दी जाती है| अन्य जिलों के मामले में एफआईएफ सहायता का हिस्सा सहभागी बैंकों के प्रकार के लिए निर्धारित मानक के अनुरूप होता है, अर्थात् अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (60%), क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (80%) और ग्रामीण सहकारी बैंक (90%) या योजना के अंतर्गत निर्धारित उच्चतम सीमा तक|
चल रही मानक योजनाएँ
1) वित्तीय जागरूकता/वित्तीय समावेशन
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i) बैंक शाखाओं द्वारा वित्तीय और डिजिटल साक्षरता शिविर
- ii) वित्तीय साक्षरता केन्द्रों (एफएलसी) द्वारा वित्तीय और डिजिटल साक्षरता शिविर
- iii) वित्तीय साक्षरता केंद्र (CFL)
- iv) बीसी/ बीएफ के परीक्षा शुल्क की प्रतिपूर्ति
- v) वित्तीय साक्षरता के लिए डेमो वैन
- vi) बैटरी, स्क्रीन और स्पीकर के साथ हाथ में रखने वाला प्रोजेक्टर
- vii) पूर्वोत्तर के राज्यों के बैंक-रहित गाँवों में कियोस्क आउटलेट
- viii) पूर्वोत्तर राज्यों, पहाड़ी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में बीसी/सीएसपीके लिए प्रोत्साहन योजना
2) बैंकिंग प्रौद्योगिकी अंगीकरण
- i) माइक्रो-एटीएम लगाना
- ii) टीयर 3 में 6 केन्द्रों के लिए पीओएस/ एमपीओएस मशीनें लगाना
- iii) बीसी पॉइंट पर दोहरे अधिप्रमाणन की सुविधा
- iv) भीम-यूपीआई पर ऑन-बोर्डिंग
- v) पीएफएमएस प्लेटफॉर्म पर ऑन-बोर्डिंग
- vi) ग्रीन पिन सुविधा का क्रियान्वयन
- vii) बीबीपीएस पर ऑन-बोर्डिंग
3) विनियामकीय आधारभूत संरचना सहयोग
- i) एयूए/ केयूए की सदस्यता
- ii) सीकेवाईसीआर पर ऑन-बोर्डिंग
- iii) पोजिटिव पे सिस्टम के लिए सहायता
4) कनेक्टिविटी और बिजली आधारभूत संरचना के लिए सहयोग
- i) वीसैट/एचटीएस वीसैट लगाना
- ii) मोबाइल सिग्नल बूस्टर लगाना
- iii) सौर ऊर्जा इकाई/ यूपीएस लगाना
31 मार्च 2025 की स्थिति के अनुसार एफआईएफ के अंतर्गत परिचालन
कुल मंजूरी: रु. 6233.28 करोड़
कुल संवितरण: रु. 3540.50 करोड़
अतिरिक्त जानकारी
वित्तीय समावेशन के लिए वित्तीय साक्षरता सामग्री
नाबार्ड यूएनडीपी फिनो वित्तीय साक्षरता सामग्री
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