पात्र संस्थाएँ
- राज्य सरकार/संघ शासित प्रदेश
- राज्य स्वामितत्व निगम/राज्य सरकार उपक्रम
- राज्य सरकार प्रायोजित/समर्थित संगठन
- पंचायत राज संस्थाएँ/ स्वयं-सहायता समूह(एसएचजी)/ ग़ैर-सरकारी संगठन
वित्तपोषण का माध्यम
पूर्वोत्तर और पर्वतीय राज्यों को 30% और अन्य राज्यों को 20% के आरंभिक अग्रिम को छोड़ कर नाबार्ड स्वीकृत राशि प्रतिपूर्ति के आधार पर जारी करता है।
ऋण की मात्रा और मार्जिन/उधारकर्ता का अंशदान
ग्रामीण कनेक्टिविटी, सामाजिक और कृषि संबंधित क्षेत्रों की परियोजनाएँ परियोजना लागत के 80 से 95% तक के ऋण की पात्र हैं। लागत वृद्धि के प्रस्तावों पर कुछ वास्तविक कारणों के मद्देनज़र स्वीकृति के बाद दो वर्षों के भीतर विचार किया जाता है।
ब्याज दर
01 अप्रैल 2012 से नाबार्ड के पास जमा की गई जमा-राशियों और ग्रामीण आधारभूत सुविधा विकास निधि(आरआईडीएफ़) से नाबार्ड द्वारा संवितरित राशि पर ब्याज की दर को उस समय लागू बैंक दर से जोड़ दी गई है।
चुकौती अवधि
दो वर्ष की अनुग्रह अवधि सहित ऋण की चुकौती आहरण तिथि के बाद वार्षिक किस्तों में सात वर्ष होगी। अनुग्रह अवधि सहित हर वर्ष प्रत्येक तिमाही अर्थात 31 मार्च, 30 जून, 30 सितंबर और 31 दिसंबर की समाप्ति पर ब्याज का भुगतान करना होगा।
दंडात्मक ब्याज
मूलधन की राशि पर लागू दर से ही अतिदेय ब्याज राशि पर ब्याज देय होगा।
ऋण हेतु प्रतिभूतियाँ
स्वीकृत ऋण अविकल्पी प्राधिकार पत्र/ भारतीय रिज़र्व बैंक/ किसी अन्य अनुसूचित वाणिज्य बैंक के पास पंजीकृत आदेशपत्र, सावधि वचन पत्र(टाइम प्रोमिसरी नोट), राज्य सरकार से बिना शर्त गारंटी निष्पादन (राज्य सरकार समर्थित संगठनों आदि के लिए अतिरिक्त आवश्यकता) से प्रतिभूत और राज्य सरकार के उपक्रम, राज्य सरकार समर्थित/सहायता प्राप्त संस्थाएं, पंचायत राज संस्थाएँ/स्वयं-सहायता समूह(एसएचजी)/ ग़ैर-सरकारी संगठन(एनजीओ) स्वीकृति पत्र की डुल्पीकेट प्रति में स्वीकृति पत्र के नियम व शर्तों की स्वीकार्यता.
ग्रामीण आधारभूत सुविधा विकास निधि(आरआईडीएफ़) का चरणीकरण
स्वीकृत परियोजना 2-5 वर्ष में लागू की जाएगी, यह परियोजना के प्रकार और राज्य में इसके स्थान पर भी निर्भर करता है।
संचयी स्वीकृति और संवितरण
• ग्रामीण आधारभूत सुविधा विकास निधि(आरआईडीएफ़) के अधीन वार्षिक और मासिक संचयी स्वीकृतियाँ और संवितरण निम्नानुसार है: