श्री शाजी के. वी. दिसंबर 2022 से राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के अध्यक्ष के रूप में कार्य कर रहे हैं. उन्हें वित्तीय क्षेत्र में तीन दशकों से भी अधिक का वृहद् अनुभव है, जिसमें वाणिज्यिक बैंकिंग, विकास वित्त और ग्रामीण बैंकिंग शामिल हैं.
अपनी वर्तमान भूमिका ग्रहण करने से पहले वे नाबार्ड में उप प्रबंध निदेशक के रूप में कार्य कर चुके हैं, जहाँ उन्होंने विभिन्न रणनीतिक और संस्थागत पहलों का नेतृत्व किया. उनके उल्लेखनीय योगदानों में जलवायु और संधारणीयता स्तम्भ की स्थापना, फ़िनटेक एंगेजमेंट रणनीतियों का विकास, डेटा वेयरहाउजिंग सिस्टम की स्थापना, बैंक पर्यवेक्षण का डिजिटलीकरण, प्रोसेस री-इंजीनियरिंग और जोखिम प्रबंधन तंत्रों का सुदृढ़ीकरण शामिल है.
श्री शाजी को निदेशक मंडल-स्तर का 10 वर्षों का अनुभव है, वे अनेक प्रमुख वित्तीय संस्थानों के निदेशक मंडलों में रह चुके हैं. वे वर्तमान में निक्षेप बीमा और प्रत्यय गारंटी निगम (डीआईसीजीसी), डिजिटल कॉमर्स के लिए ओपन नेटवर्क (ओएनडीसी) और राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) के निदेशक मंडल में हैं. वे नाबार्ड की दो प्रमुख सहायक कंपनियों: नाबार्ड कंसल्टेंसी सर्विसेज लिमिटेड (नैबकॉन्स) और बैंक की उद्यम पूँजी शाखा, नैबवेंचर्स लिमिटेड के बोर्डों की अध्यक्षता भी करते हैं. इसके अतिरिक्त, वे बैंकर ग्रामीण विकास संस्थान (बर्ड), लखनऊ के शासी परिषद के अध्यक्ष के रूप में भी कार्यरत हैं, और भारतीय उद्यमिता विकास संस्थान (ईडीआईआई), अहमदाबाद और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ बैंक मैनेजमेंट (एनआईबीएम), पुणे की शासी निकायों के सदस्य भी हैं.
उन्होंने अनेक प्रमुख संस्थानों के निदेशक मंडलों में कार्य किया है, जिनमें भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई), केनरा एचएचसबीसी लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड और केनरा बैंक सिक्योरिटीज लिमिटेड शामिल हैं. इसके अतिरिक्त, वे नाबार्ड की तीन प्रमुख सहायक कंपनियों - नैबकिसान फिनान्स, नैबफ़ाउंडेशन और नैबसंरक्षण के अध्यक्ष भी रहे हैं. उनका नेतृत्व अंतरराष्ट्रीय क्षेत्रों तक भी फैला हुआ है, उन्होंने एशिया-प्रशांत ग्रामीण और कृषि ऋण संघ (एप्राका) के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया है. उन्होंने ग्रामीण और सहकारी बैंकिंग सुधारों पर भारत सरकार द्वारा गठित अनेक विशेषज्ञ समितियों की अध्यक्षता भी की है.
नाबार्ड में कार्यभार ग्रहण करने से पहले श्री शाजी का केनरा बैंक में 26-वर्षों का विशिष्ट कार्यकाल रहा, जहाँ उन्होंने महाप्रबंधक और व्यवसाय विकास के प्रमुख सहित विभिन्न वरिष्ठ स्तरीय भूमिकाएँ निभाईं. उन्होंने केनरा बैंक के साथ सिंडिकेट बैंक के सफल समामेलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जो भारतीय बैंकिंग के क्षेत्र में प्रमुख समेकन अभ्यासों में से एक था. उन्होंने केरल ग्रामीण बैंक के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया, जो उस समय देश का सबसे बड़ा क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक था.
श्री शाजी कृषि में स्नातकोत्तर डिग्री और भारतीय प्रबंध संस्थान (आईआईएम), अहमदाबाद से लोक नीति में स्नातकोत्तर डिप्लोमा (पीजीडीएम) धारक हैं. वे ट्रेजरी, निवेश एवं जोखिम प्रबंधन में भी सर्टिफइड हैं और इंडियन इन्स्टीट्यूट ऑफ बैंकिंग एण्ड फिनान्स (आईआईबीएफ) के सर्टिफइड एसोसिएट हैं तथा एनएसई प्रमाणित मार्केट प्रोफेशनल (एनसीएमपी) प्रमाण-पत्र धारक भी हैं.